ईसाईयों की भावनाएं भड़काने की एफआईआर में नाम न होने के बावजूद पंजाब पुलिस ने उत्तर प्रदेश से यू-ट्यूबर रचित कौशिक को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने मंगलवार देर रात दिल्ली के रहने वाले यू-ट्यूबर, डिजिटल कंटेंट निर्माता रचित कौशिक को उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया। वे मुजफ्फरनगर के मंडी कोतवाली क्षेत्र में शादी समारोह में परिजनों के साथ शामिल होने गए थे, उनकी गिरफ्तारी के बाद उनके अपहरण का शोर मच गया। जांच में पता चला कि पंजाब की लुधियाना पुलिस ने रचित कौशिक को पकड़ा था।
जानकारी के अनुसार शाहदरा से शादी समारोह में गए रचित कौशिक पत्नी व बच्चे के साथ कार में जा रहे थे। वकील रोड पर घर के सामने स्कार्पियो गाड़ी में चार सरदार लोगों ने उनकी कार को रोक लिया। पंजाब नंबर की गाड़ी थी। उन्होंने रचित कौशिक को बताया कि उनके खिलाफ वारंट हैं और अपनी गाड़ी में डाल लिया। सूत्रों के मुताबिक कौशिक के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के अपराध के तहत मामला दर्ज करने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया।
कौशिक ने अपने इंस्टाग्राम चैनल ‘सबलोकतंत्र’ पर अपने नवीनतम पोस्ट में दावा किया कि वह ‘हिंदुत्व की साहसी आवाज, प्रसिद्ध पत्रकार, राजनीतिक विश्लेषक’ हैं, जिन्हें पंजाब पुलिस ने मुजफ्फरनगर से ‘एक राजनीतिक साजिश के तहत उठाया है।’ उन्होंने ‘अपने चैनलों पर अरविंद केजरीवाल, उनके परिवार और पंजाब सरकार के संबंध में कुछ तथ्य प्रस्तुत किए।’
लुधियाना के पीरू बंदा इलाके में चर्च ऑफ गॉड के पादरी अलीशा मसीह की शिकायत पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा कि एक्स पर ‘नो कन्वर्जन’ नामक हैंडल से ईसाई समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला वीडियो अपलोड किया गया था। सबलोकतंत्र के खिलाफ सलेम टाबरी पुलिस स्टेशन में धारा 295-ए, 153-ए, 153, 504 आईपीसी और 67 आईटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
पादरी अलीशा मसीह ने कहा कि उन्होंने ऑनलाइन वीडियो देखने के बाद शिकायत दर्ज की थी और उन्हें कभी नहीं पता था कि वह आदमी कौन था। ‘वीडियो में ईसाई समुदाय के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक सामग्री और कन्वर्जन पर निराधार आरोप थे। वह शख्स ईसा मसीह के खिलाफ भी गलत शब्दों का इस्तेमाल कर रहा था। मसीह ने कहा, हम समय-समय पर ऐसे वीडियो को स्थानीय पुलिस स्टेशन को चिह्नित करते रहते हैं। अलीशा के पिता पादरी सुल्तान मसीह की जुलाई 2017 में लुधियाना में चर्च के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद पंजाब पुलिस ने एक गिरोह का भंडाफोड़ किया था, जिसने कथित तौर पर विभिन्न समुदायों के धार्मिक नेताओं की लक्षित हत्याओं को अंजाम दिया था। रोचक बात यह है कि एफआईआर में न तो कौशिक का नाम है और न ही पुलिस ने उसके परिवार को वारंट दिखाया। सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर खूब होहल्ला मचा हुआ है।
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