चुनाव आयोग ने मंगलवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से सम्बंधित बड़ा फैसला सुना दिया है। इस फैसले के आने के बाद शरद पवार को लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बड़ा झटका लगा है। चुनाव आयोग ने अपने फैसले में अजित पवार गुट वाली एनसीपी को ही असली एनसीपी बताया है।
पार्टी पर अधिकार को लेकर चाचा भतीजे की यह जंग 6 महीने से अधिक समय तक चली। इस मामले में 10 से अधिक सुनवाई करने के बाद चुनाव आयोग ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के विवाद का निपटारा किया और अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट के पक्ष में फैसला सुनाया।
चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद अजीत पवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) का नाम और चिह्न मिल गया है।
वहीं शरद पवार को अपने नए राजनीतिक गठन के लिए एक नाम का दावा करने और आयोग को तीन प्राथमिकताएं देने का एक बार का विकल्प चुनाव आयोग ने प्रदान किया है। इस रियायत का उपयोग 7 फरवरी, 2024 को दोपहर 3 बजे तक किया जा सकता है।
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