दिल्ली : केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कई टीम दिल्ली में छापेमारी कर रही हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 10 ठिकानों पर छापेमारी होने की जानकारी दी है। सीएम अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव समेत अन्य के खिलाफ ये कार्रवाई चल रही है, मनी लॉन्ड्रिंग केस में जांच-पड़ताल के तहत ये छापेमारी की कार्रवाई उन लोगों के खिलाफ हो रही है, जो आम आदमी पार्टी से जुड़े लोग हैं।
ईडी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार के घर पर छापेमारी की कार्रवाई की है। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता के घर भी टीम पहुंची है। इसके साथ-साथ दिल्ली जल बोर्ड के एक पूर्व सदस्य के यहां भी छापेमारी की जानकारी प्राप्त हुई है।
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ईडी किस मामले में कर रही छापेमारी ?
बतादें, केंद्रीय एजेंसी दिल्ली जल बोर्ड की टेंडर प्रक्रिया में अनियमितताओं को लेकर जांच कर रही है। दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) और सीबीआई की एफआईआर के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ये कार्रवाई कर रहा है। जानकारी के मुताबिक एफआईआर में ये आरोप लगाया गया है कि दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों ने इलेक्ट्रोमैग्नेटिक मीटरों की आपूर्ति, उन्हें लगाने, टेस्टिंग और कमीशनिंग को लेकर टेंडर देते समय एक कंपनी को लाभ पहुंचाया था।
FIR में क्या आरोप लगे ?
सीबीआई की एफआईआर के अनुसार, दिल्ली जल बोर्ड के तत्कालीन चीफ इंजीनियर जगदीश कुमार अरोड़ा ने मेसर्स एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड कंपनी को 38 करोड़ रुपए का टेंडर दिया था, बावजूद इसके कंपनी जरूरी मानदंडों पर खरी नहीं उतरती थी। बतादें, 31 जनवरी को ही ईडी ने पीएमएलए के कहत जगदीश अरोड़ा और अनिल कुमार अग्रवाल को गिरफ्तार किया था।
ईडी की जांच में ये आरोप है कि एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने फर्जी कागजाद जमा करके गलत तरीके से टेंडर लिया है। मेसर्स एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने अनिल कुमार अग्रवाल की फर्म मेसर्स इंटीग्रल स्क्रूज लिमिटेड कंपनी को काम का उप ठेका दिया।
खबर है कि जिस समय अनिल अग्रवाल को टेंडर की राशि मिली थी, तो उन्होंने लगभग तीन करोड़ रुपए रिश्वत की राशि जगदीश कुमार अरोड़ा को नकद और बैंक खातों के माध्यम से ट्रांसफर कर दी थी। पड़ताल में ये बात सामने आई है कि इसके लिए अरोड़ा के करीबी, सहयोगियों और उनके रिश्तेदारों के बैंक अकाउंट्स का प्रयोग किया गया था।
इतनी ही नहीं यह बात भी सामने आई है कि जगदीश कुमार अरोड़ा के करीबी को भी नकद रिश्वत मिली थी। ईडी ने पहले 24 जुलाई, 2023 और 17 नवंबर, 2023 को छापेमारी की कार्रवाई की थी, जिसके बाद इससे जुड़े दस्तावेज और सबूतों को जब्त किया गया था।
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