इस्लामी देश तुर्किए के राष्ट्रपति एर्दोगन किस हद तक इस्लामी जगत के खलीफा बनने की आकांक्षा पाले हैं उसका उन्होंने फिर संकेत दिया है। अपने ताजा बयान में उन्होंने इस्लाम तथा शरिया का संदर्भ देते हुए दोनों को एक पलडे में रखा है। उन्होंने कहा है कि शरिया से दुश्मनी के मायने हैं इस्लाम से दुश्मनी। उनके इस बयान पर यूरोपीय नेताओं का आगबबूला होना स्वाभाविक ही है। अपने को इस्लामी जगत के स्वयंभू खलीफा की ऐसी बात की खिलाफत यूरोप में हो रही है।
तुर्किए के राष्ट्रपति कहते हैं कि शरिया को मानना इस्लाम को सलाम करने जैसा है, जो शरिया का विरोध करते हैं उन्हें इस्लाम विरोधी समझा जाए। इस बयान की यूरोप के अनेक नेताओं ने तीखी निंदा की है।
जिस डेनमार्क में पिछले दिनों कुरान जलाने की घटनाएं हुईं वहां के नेता गीर्ट विल्डर्स की भी एर्दोगन के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। वे अपने यहां अपने इस्लाम विरोधी बयानों के कारण चर्चा में रहे हैं। एर्दोगन ने यह तकरीर 1 फरवरी को अंकारा में मजहबी मामलों से जुड़ी अकादमी में इमानों की उपस्थिति में दी थी। उन्होंने शरिया विरोधियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ‘शरिया कानून का विरोध इस्लाम का विरोध माना जाए।’
तुर्किए के राष्ट्रपति तुर्क और मुसलमानों में फर्क करने वालों पर भी भड़के और इतिहास की पुस्तकों में झांकने की सलाह दी और कहा कि तुर्क लोग और मुस्लिमों में अंतर नहीं है, दोनों बराबर हैं। उनके अनुसार कुछ लोग ऐसी दीवार खड़ी करने की कोशिश करते हैं। ऐसा करने वालों को एर्दोगन ने ‘अज्ञात शत्रु करार दिया जिनका मकसद है समाज को तोड़ना।
तुर्किए के राष्ट्रपति तुर्क और मुसलमानों में फर्क करने वालों पर भी भड़के और इतिहास की पुस्तकों में झांकने की सलाह दी और कहा कि तुर्क लोग और मुस्लिमों में अंतर नहीं है, दोनों बराबर हैं। उनके अनुसार कुछ लोग ऐसी दीवार खड़ी करने की कोशिश करते हैं। ऐसा करने वालों को एर्दोगन ने ‘अज्ञात शत्रु करार दिया जिनका मकसद है समाज को तोड़ना।
इतना ही नहीं, वे कहते हैं कि ‘शरियाफोबिया’ भी इसी समाज तोड़ो मकसद का ही एक हिस्सा है। उन्होंने ऐसे सब लोगों को ‘सावधान’ किया जो शरिया को लेकर गलत टिप्पणी करते हैं। ऐसे लोगों को वे ‘अज्ञान’ मानते हैं, जो ‘अज्ञानता के गर्त’ में डूब रहे हैं और यह ‘अफसोस’ की बात है! इस मौके पर एर्दोगन ने वहां इकट्ठे इमानों से भी कहा कि वे मस्जिदों से बाहर निकलकर समाज के बीच जाकर काम करें।
एर्दोगन की इस ‘इस्लामी तकरीर’ पर डेनमार्क के नेता गीर्ट भड़के हुए हैं। इस तकरीर पर उन्होंने ट्वीट किया और लिखा, ”राष्ट्रपति एर्दोगन ने शरिया कानून को लेकर जो कहा है तथा इस्लाम की तलवार पर जो बयान दिया है, उससे साफ होता है कि वे स्वतंत्रता, पंथनिरपेक्षता तथा लोकतंत्र को खतरा हैं। तुर्किए के लोगों को इससे बेहतर मिलना चाहिए था।” गीर्ट ने सभ्य दुनिया को कहा कि एर्दोगन के इस इस्लामवादी खतरनाक एजेंडे के प्रति अनजान न रहें।
टिप्पणियाँ