दक्षिण अमेरिकी राज्य चिली में दावानल का कहर लगातार जारी है। शुक्रवार से देश के जंगलों में लगी भीषण आग ने अब तक करीब 100 जिंदगियों को निगल लिया है। 200 लोगों के लापता होने की खबर है, जबकि अब तक 1600 से अधिक घर भी जलकर राख हो गए हैं। विना डेल मार शहर आग से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। अधिकारियों ने एहतियातन शहर में कर्फ्यू बढ़ा दिया है।
चिली के फायर फाइटर्स मध्य चिली में आग बुझाने के लिए मशक्कत कर रहे हैं, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है। चिली का विना डेल मार शहर में 1931 में स्थापित एक वनस्पति उद्यान आग से नष्ट हो गए हैं। 300,000 की आबादी वाला ये शहर भारत के गोवा की तरह ही समुद्र तटीय सैरगाह है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स द्वारा लिए गए ड्रोन विजुअल्स से पता चलता है कि आग ने पूरे विना डेल मार शहर को राख का ढेर बना दिया है। सड़कों पर गाड़िया कूड़ा फैलाती दिखीं, नालीदार लोहे की छतें तक ताप के कारण ढह गईं।
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जानबूझकर आग लगाने की आशंका
इस बीच वालपराइसो क्षेत्र के गवर्नर रोड्रिगो मुंडाका ने रविवार को इस बात की आशंका जताई है कि हो सकता है कि किसी ने जानबूझकर आग लगा दी हो। ऐसी ही आशंका चिली के राष्ट्रपति गैब्रिएल बोरिक ने भी जताई थी। राष्ट्रपति बोरिक का कहना था कि तापमान ज्यादा है और हवा भी तेज चल रही है, जिसके कारण आग को कंट्रोल कर पाना काफी मुश्किल हो रहा है। आग की चपेट में आने के कारण 8000 हेक्टेयर जंगल औऱ शहरी क्षेत्र जलकर राख हो चुके हैं।
इस बीच असामाजिक तत्वों ने आपदा को अपने लिए अवसर समझकर लूट मार की वारदातों को भी तेज कर दिया है। इस तरह की घटनाओं में हो रही बढ़ोत्तरी को देखते हुए अब प्रशासन ने विना डेल मार, उसके पड़ोसी शहरों किल्पुए और विला एलेमाना में कर्फ्यू घोषित कर दिया है।
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