दो घटनाएं, दोनों परस्पर विरोधाभासी, भारत में पढ़ाई छोड़ेंगी पर हिजाब नहीं, इस्लामिक देश में लड़कियां कह रहीं NO Hijab
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्लेषण

दो घटनाएं, दोनों परस्पर विरोधाभासी, भारत में पढ़ाई छोड़ेंगी पर हिजाब नहीं, इस्लामिक देश में लड़कियां कह रहीं NO Hijab

मिडल ईस्ट की लड़कियों ने मनाया #nohijabday तो वहीं राजस्थान में मुस्लिम छात्राओं का स्कूलों में हिजाब पहनने को लेकर प्रदर्शन

by सोनाली मिश्रा
Feb 2, 2024, 05:21 pm IST
in विश्लेषण
महसा अमीनी (फाइल फोटो)

महसा अमीनी (फाइल फोटो)

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

हिजाब को लेकर पिछले दो-तीन दिनों में दो महत्वपूर्ण घटनाएं हुई हैं। एक भारत में हुई है तो दूसरी विश्व की घटना है और दोनों विरोधाभासी हैं। भारत जैसे देश में जहां विद्यालयों में एक निश्चित ड्रेस कोड होता है, वहां पर एक मजहबी पहचान को मुख्य बनाकर स्कूल आना बहुत अजीब है।

कर्नाटक के बाद अब राजस्थान में हिजाब को लेकर हंगामा जारी है। दरअसल 27 जनवरी को राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक बालिका विद्यालय गंगापोल का वार्षिकोत्सव मनाया गया था। इसी आयोजन में जयपुर के विधायक बालमुकुन्द आचार्य को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। आयोजन शांतिपूर्ण था, परन्तु कुछ छात्राएं हिजाब और बुर्के में थीं। विधायक बालमुकुन्द आचार्य ने आपत्ति की और प्रिंसिपल से ड्रेस कोड के विषय में कहा। इस पर छात्राएं भड़क गईं और उन्होंने सुभाष चौक थाने का घेराव कर विधायक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। विधानसभा में कांग्रेस के विधायक रफीक खान ने सरकार को घेरा। इस पर विधायक बाल मुकुंद आचार्य का कहना था कि बच्चियों से भारत माता की जय और सरस्वती माता की जय बोलने के लिए कहा गया था, तो इनमें क्या गलत है? क्या सरस्वती माता की जय बोलना गलत है?

बालमुकुंद का यह भी कहना था कि उन्होंने प्रिंसिपल से ड्रेस कोड के विषय में पूछा था। अब इस पर हंगामा और बढ़ा और हिजबा पहनने वाली लड़कियों ने यह जोर देकर कहा कि वह हिजाब नहीं छोड़ेंगी, चाहे पढ़ाई छोड़ देंगी। स्कूलों से टीसी लेने के लिए तैयार हैं, मगर हिजाब छोड़ने से उन्होंने इंकार कर दिया। वहीं इस मामले में एक चौंकाने वाली बात सामने आई थी, जिसमें कुछ छात्राओं ने कहा था कि स्कूल में शुक्रवार को नमाज पढ़वाई जाती है और स्कूल में एक मजार भी है।

Rajasthan Hijab Vivad:
Victim card by M students. There are no Saraswati prayers only M prayers.

All created during Gehlot regime.
And maybe the minorities will use this for the upcoming UCC NCC 👀 part 1.👇🏼 pic.twitter.com/1tFnjn7n1u

— Dr. (law) Aaroha R.K. ⚖️📚 (@Aaroha101) January 30, 2024

अब इस मामले को लेकर सरकार भी एक्शन में आ गयी है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि स्कूलों का एक ड्रेस कोड होता है और तय ड्रेस कोड में ही विद्यार्थियों को स्कूल आने की अनुमति दी जाएगी। इसके साथ ही विद्यालयों में सरस्वती माता की प्रतिमा या चित्र भी लगाने के लिए कहा है। जिस विद्यालय में सरस्वती माता की मूर्ति या चित्र नहीं होगा तो उस पर कार्यवाही की जाएगी। इन घटनाओं में जो सबसे खास बात है वह यह है कि जब भारत में स्कूलों में भी हिजाब पहनने को लेकर मुस्लिम लड़कियां आन्दोलन चला रही हैं तो वहीं हिजाब की आंच से झुलस रही मिडल ईस्ट की लड़कियां #nohijabday मना रही हैं।

यह पूरी दुनिया देख रही है कि किस प्रकार अनिवार्य हिजाब की आंच में ईरान और अफगानिस्तान की मुस्लिम लड़कियां झुलस रही हैं। ईरान में महसा अमीन की मौत के बाद उपजे विरोध प्रदर्शन में अभी तक फांसी की सजाएं दी जा रही हैं। न जाने कितनी लड़कियों का अभी तक पता भी नहीं चला है कि आखिर क्या हुआ है क्योंकि वह सदमे में भी हैं।

#NoHijabDay pic.twitter.com/gfm2gnCKUy

— Zafar Heretic (@ZafarHeretic) February 1, 2024

एक वीडियो ने सभी को तब स्तब्ध कर दिया था जब ईरान में एक मेट्रो में एक लड़की के साथ मोरल पुलिस कर्मियों ने ऐसी जबरदस्ती की थी, कि वह कोमा में चली गयी थी। इन आन्दोलनों में साथ देने वाले युवा मारे जा रहे हैं, और हाल ही में अफगानिस्तान में कई लड़कियों को जेल में डाल दिया गया था क्योंकि उन्होंने हिजाब सही से नहीं पहना हुआ था। दरअसल 1 फरवरी को हिजाब डे मनाया जाता है, जिसमें यह प्रमाणित करने का प्रयास किया जाता है कि हिजाब दरअसल एक च्वाइस है, जिसे लड़कियां अपने मन से पहनती हैं और उन पर कोई दबाव नहीं है। इसे लेकर अनिवार्य हिजाब के कारण प्रताड़ित होने वाली लड़कियों की पीड़ा बताने के लिए इसी दिन nohijabday मनाया जाता है। एक वीडियो यजीदी लड़कियों का बहुत अधिक वायरल हुआ था, जिसमें आईएसआईएस की यौन गुलामी से आजाद कराई गयी यजीदी लड़कियां अपना बुर्का और हिजाब जला रही हैं।

यजीदी लड़कियों के लिए आवाज उठाने वाले अज्ज़त अल्सलेम ने भी ट्वीट करते हुए लिखा कि इस यजीदी लड़की को आईएसआईएस ने अगवा किया था और 11 वर्ष की आयु में सेक्स स्लेव बनाया था। उसे इस्लाम में जबरन कन्वर्ट किया गया और हिजाब पहनाया गया। उसे हिजाब से उसे छुटकारा मिला।

This Yezidi girl was kidnapped by lSlS and forced to be a sex slave when she was 11 years old.

She was forced to convert to lsIam and wear Hijab!

She escaped and get rid of hijab.

She has been welcomed by her family and community.#NoHijabDay pic.twitter.com/WuLKfuqVWA

— Azat (@AzatAlsalim) February 1, 2024

ईरान में मरजीह एब्र्ह्मिनी पर “बैड हिजाब” के कारण एसिड से हमला कर दिया गया था। जिसमें उनका चेहरा विकृत हो गया था। खदीजा खान नामक यूजर ने लिखा कि हिजाब महिला अधिकारों का हनन है। जो लोग हिजाब डे मना रहे हैं, उन्हें अपना सिर शर्म से झुका देना चाहिए। इसी अवसर पर एक्स मुस्लिम ऑफ नॉर्वे द्वारा एक वीडियो भी साझा किया गया, जिसमें कट्टर इस्लामिस्ट्स एवं पश्चिमी इस्लाम प्रेमियों द्वारा शुरू किए गए हिजाब डे के पाखण्ड पर प्रहार किया गया है। इसमें कहा गया है कि इस दिन को महिलाओं के उस शोषण को छिपाने के लिए प्रयोग किया गया है, जो शोषण इस कपडे के टुकड़े के पीछे उनका किया जाता है।

Hijab is a tool of oppression!
1st Of February is the so-called "World Hijab Day" which was created by Islamists and Western Islamophiles to draw attention away from the oppression of women that hides behind this piece of cloth that is used as a tool for the oppression of women .… pic.twitter.com/dlW2KKiNVr

— Ex-Muslims of Norway (@exmuslim_norway) February 1, 2024

परन्तु सबसे बड़े दुर्भाग्य की बात यही है कि भारत में एक बहुत बड़ा वर्ग ऐसा है जो इस खतरे को समझ नहीं रहा है कि अनिवार्य हिजाब से क्या समस्याएं हो सकती हैं, या यह कहा जाए कि कहीं न कहीं सड़क पर निकल रही लड़कियां ही समझ नहीं रही हैं कि वह किस आग से खेल रही हैं?

Topics: Mahsa Aminiपाञ्चजन्य विशेषno hijab dayहिजाबराजस्थानईरानमहसा अमीनी
Share3TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ विश्व हिंदू परिषद का प्रतिनिधिमंडल

विश्व हिंदू परिषद ने कहा— कन्वर्जन के विरुद्ध बने कठोर कानून

वरिष्ठ नेता अरविंद नेताम

देश की एकता और अखंडता के लिए काम करता है संघ : अरविंद नेताम

मतदाता सूची पुनरीक्षण :  पारदर्शी पहचान का विधान

स्वामी दीपांकर

1 करोड़ हिंदू एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने की “भिक्षा”

कन्वर्जन की जड़ें गहरी, साजिश बड़ी : ये है छांगुर जलालुद्दीन का काला सच, पाञ्चजन्य ने 2022 में ही कर दिया था खुलासा

मतदाता सूची मामला: कुछ संगठन और याचिकाकर्ता कर रहे हैं भ्रमित और लोकतंत्र की जड़ों को खोखला

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Voter ID Card: जानें घर बैठे ऑनलाइन वोटर आईडी कार्ड बनवाने का प्रोसेस

प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और जनरल असीम मुनीर: पाकिस्तान एक बार फिर सत्ता संघर्ष के उस मोड़ पर खड़ा है, जहां लोकतंत्र और सैन्य तानाशाही के बीच संघर्ष निर्णायक हो सकता है

जिन्ना के देश में तेज हुई कुर्सी की मारामारी, क्या जनरल Munir शाहबाज सरकार का तख्तापलट करने वाले हैं!

सावन के महीने में भूलकर भी नहीं खाना चाहिए ये फूड्स

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ विश्व हिंदू परिषद का प्रतिनिधिमंडल

विश्व हिंदू परिषद ने कहा— कन्वर्जन के विरुद्ध बने कठोर कानून

एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त

Ahmedabad Plane Crash: उड़ान के चंद सेकंड बाद दोनों इंजन बंद, जांच रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

पुलिस की गिरफ्त में अशराफुल

फर्जी आधार कार्ड बनवाने वाला अशराफुल गिरफ्तार

वरिष्ठ नेता अरविंद नेताम

देश की एकता और अखंडता के लिए काम करता है संघ : अरविंद नेताम

अहमदाबाद विमान हादसा

Ahmedabad plane crash : विमान के दोनों इंजन अचानक हो गए बंद, अहमदाबाद विमान हादसे पर AAIB ने जारी की प्रारंभिक रिपोर्ट

आरोपी

उत्तराखंड: 125 क्विंटल विस्फोटक बरामद, हिमाचल ले जाया जा रहा था, जांच शुरू

उत्तराखंड: रामनगर रेलवे की जमीन पर बनी अवैध मजार ध्वस्त, चला बुलडोजर

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies