अयोध्या में श्रीराम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में साक्षात नहीं तो वर्चुअल माध्यम से दुनिया भर के भक्त जुड़े। दक्षिण अफ्रीका से श्रीलंका तक मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना, आरती और प्रसाद वितरण कार्यक्रम सम्पन्न
अयोध्या में श्रीराम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का आनंद सिर्फ भारत में ही नहीं, पूरे विश्व में दिखाई दिया। इस आनंद में हिन्दुओं के साथ अन्य मत—पंथों के धर्म प्रेमी लोग भी सहर्ष सम्मिलित हुए। उत्तर में कनाडा से लेकर दक्षिण में आस्ट्रेलिया के पर्थ शहर तक 22 जनवरी को पूरा वातावरण जैसे राममय हो गया था।
अमेरिका, कनाडा, आस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, यूके, श्रीलंका, नेपाल, मॉरिशस, फिजी, सूरीनाम, त्रिनिदाद-टोबैगो आदि देशों के सैकड़ों मंदिरों में 22 जनवरी को सुबह से ही एक अलग गहमागहमी थी। दोपहर में बड़ी-बड़ी स्क्रीन्स पर अयोध्या के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण दिखाया गया। भक्तों ने आरती गाई और फिर प्रसाद पाया।
अनेक स्थानों पर आधे दिन की सरकारी छुट्टी घोषित की गई थी, और जहां छुट्टी नहीं थी वहां भक्तों ने अवकाश लेकर प्रभु राम की प्राण प्रतिष्ठा का सुंदर दृश्य देखा। कहीं-कहीं तो उस वक्त अर्ध रात्रि होने के बावजूद, बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिरों में पहुंचे थे। जय श्रीराम के उद्घोष से रोमांचित श्रद्धालु प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक अवसर को अनुभव करने के लिए आतुर थे।
सुदूर उत्तरार्द्ध में टोरंटो में -30 डिग्री की कड़कड़ाती ठिठुरन से लेकर दक्षिणार्ध में आस्ट्रेलिया के पर्थ शहर तक वातावरण में राम नाम की गूंज थी। पर्थ शहर में प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव मकर संक्रांति के दिन अक्षत कलश पूजन से प्रारंभ हुआ था। 22 जनवरी को शहर के दो प्रमुख स्थानों पर हजारों भक्तों ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखा। इसी तरह सिडनी में ब्लैकटाउन शो ग्राउंड और कैसल हिल में कलश यात्रा निकली। एडिलेड, मेलबर्न के दर्जनों मंदिरों सहित आस्ट्रेलिया में इस कार्यक्रम को सैकड़ों जगह हजारों भक्तों ने सामूहिक रूप से देखा और उत्सव मनाया।
उधर न्यूजीलैंड के आकलैंड शहर और राजधानी वेलिंग्टन में कई कार्यक्रम हुए। वेलिंग्टन के गुरुद्वारे में गुरुबानी के गान के साथ राम भक्तों ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह का अलौकिक आनंद लिया। कनाडा में भारी ठंड के बावजूद, हिंदू महा सभागार ब्रांपटन, हिंदू हेरिटेज, मिसिसॉगा और टोरंटो सहित अनेक शहरों में अर्ध रात्रि में ही मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भक्तों की भारी भीड़ जुटी।
दुनियाभर के मंदिरों में इस निमित्त हुए कार्यक्रम दीप प्रज्ज्वलन और मंत्रोच्चर से शुरू हुए। अनेक स्थानों पर रामजन्मभूमि के लिए हुए संघर्ष पर एक डॉक्युमेंट्री दिखाई गई। तत्पश्चात, प्राण प्रतिष्ठा का अलौकिक क्षण आया और लाखों भक्तों की भावना का ज्वार उमड़ पड़ा। अनेक भक्तों की आंखों से अविरल अश्रु धारा बह रही थी। विशेष भजन एवं भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। प्रभु राम के भजनों पर मनमोहक नृत्य और गायन के अनेक कार्यक्रम घंटों चलते रहे।
अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में सुप्रसिद्ध टाइम्स स्क्वायर पर अयोध्या से प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का सीधा प्रसारण बड़ी स्क्रीन पर आधी रात को जबरदस्त ठंड के बावजूद हजारों श्रद्धालुओं ने देखा। सान फ्रांसिस्को के प्रसिद्ध गोल्डन पुल पर सैकड़ों कारों की रैली निकाली गई तो अफ्रीका के कंपाला शहर में भी बड़ी कार रैली निकली। नेपाल में युवाओं ने जनकपुर में विशाल बाइक रैली निकाली। सभी स्थानों पर श्रद्धालुओं ने अपने घरों पर राम ध्वजाएं फहराईं।
अमेरिका सहित विश्व के अनेक देशों से घरों पर राम ध्वजा और दीप जलाए जाने की खबरें आई हैं। अनेक शहरों में कार्यक्रम आयोजित किए गए। ब्रिटेन की संसद में रामधुन हुई। विनय पुजारी के नेतृत्व में कई कार्यक्रम हुए। प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भी उत्सव मनाया। उन्होंने इस अवसर पर राम भक्तों को बधाई दी। फिजी में तो पूरे देश में अवकाश की घोषणा हुई थी।
दुनियाभर के मंदिरों में इस निमित्त हुए कार्यक्रम दीप प्रज्ज्वलन और मंत्रोच्चर से शुरू हुए। अनेक स्थानों पर रामजन्मभूमि के लिए हुए संघर्ष पर एक डॉक्युमेंट्री दिखाई गई। तत्पश्चात, प्राण प्रतिष्ठा का अलौकिक क्षण आया और लाखों भक्तों की भावना का ज्वार उमड़ पड़ा। अनेक भक्तों की आंखों से अविरल अश्रु धारा बह रही थी। विशेष भजन एवं भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। प्रभु राम के भजनों पर मनमोहक नृत्य और गायन के अनेक कार्यक्रम घंटों चलते रहे। भोग, आरती एवं महाप्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम संपन्न हुए।
एक अनुमान के अनुसार, भारत के बाहर विश्व के अन्य देशों में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम 10,000 से ज्यादा मंदिरों या स्थानों पर मनाया गया। विदेशी धरती पर भारतीय संस्कृति की इस अनोखी झलक ने सभी के दिल को अंदर तक भाव विभोर कर दिया और सनातन धर्म की सनातनता का दिग्दिगंत जयघोष हुआ।
टिप्पणियाँ