देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड का कोई गांव, कस्बा या शहर ऐसा न होगा, जहां श्री राम प्राण प्रतिष्ठा का समारोह न हुआ हो। हर घर में खुशियों के दीप जलाए गए, हर राम भक्त ने श्री राम लला के विराजमान होने के अवसर पर खुशी के आंसू थे, किसी के छलक गए तो किसी का गला रूंध गया। ऐसा अद्भुत नजारा न कभी पहले देखा गया न महसूस किया गया, 22 जनवरी की तिथि श्रीराम दिवाली के रूप में प्रतिष्ठित हो गई।
देर रात तक राज्यभर में उत्सव का माहौल रहा। लोग वाहनों में भगवा ध्वज लहराते हुए जय श्री राम के जय घोष करते हुए हर मोड़ से हर चौराहे से जाते हुए दिखाई दिए। राज्य के हर मंदिर में श्रीरामचरितमानस, सुंदरकाण्ड के पाठ हुए, भंडारे में प्रसाद बांटा गया। 22 जनवरी को जितनी धार्मिक संस्थाओं ने लंगर लगाया उतना पहले कभी नहीं हुआ। राष्ट्रीय राजमार्गों पर श्रीराम के लिए प्रसाद वितरण करने वालो की होड़ लगी हुई देखी गई। हरिद्वार में हरकी पैड़ी पर दीप उत्सव की छटा पहली बार इतनी सुंदर और आकर्षण का केंद्र रही।
राज्य के प्रमुख 38 मंदिरों को पहली बार एक साथ सजाया गया था और यहां एलईडी स्क्रीन लगाकर श्रीराम मंदिर उत्सव का सजीव प्रसारण किया गया। हर शहर में हर गांव में मंदिरों के साथ साथ मुख्य मार्गों में भी रोशनी की गई थी। ये ऐसा उत्सव था, जिसमें कोई भेद नहीं देखा गया। अमीर-गरीब खुशी से भावुकता से यही कहता सुना गया ” हमारे राम आ गए हैं”। ये बात जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोहराई कि ” हमारे राम आ गए हैं” तो भावुकता में हर श्रद्धालु के आंसू बह चले।
हरिद्वार, देहरादून, हल्द्वानी, कोटद्वार, बाजपुर, काशीपुर, अल्मोड़ा, रुद्रपुर, किच्छा, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, देव प्रयाग, श्री नगर, चमोली, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री यमनोत्री, विकास नगर, टनकपुर, खटीमा, चंपावत, पिथौरागढ़, बागेश्वर, कपकोट, डीडीहाट ,धारचूला ,रानीखेत आदि कस्बों और आसपास के गांवों में राममय माहौल बना रहा।
पड़ोसी देश नेपाल के महेंद्र नगर, दार्चुला, कंचनपुर आदि कस्बों में भी अयोध्या में प्रभु श्री राम मंदिर उत्सव को लेकर उत्साह देखा गया। विश्व हिंदू परिषद के संगठन मंत्री अजय जी ने बताया कि उत्तराखंड से अयोध्या के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था शीघ्र ही जाएगा। ऐसा भी बताया गया है कि 2 फरवरी को सीएम धामी अपनी पूरी कैबिनेट के साथ अयोध्या जाएंगे।
टिप्पणियाँ