सरकारी पदाधिकारी के साथ मारपीट के मामले में एक बार फिर लालू प्रसाद और उनका परिवार सुर्खियों में है। हालांकि उप मुख्यमंत्री और लालू प्रसाद के पुत्र तेजस्वी यादव ने इस घटना पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है लेकिन घटना के 6ठे दिन भी तेजस्वी यादव के भतीजों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। विपक्ष इसे जंगलराज 3 की संज्ञा दे रहा है।
बिहार में राजद प्रमुख लालू प्रसाद के परिजनों की दबंगई सुर्खियों में रही है। 1990 से 2005 तक किसी की मजाल नहीं थी जो इनके सालों साधु यादव और सुभाष यादव के खिलाफ कुछ बोल सके। उस दौर में भी लालू प्रसाद के भतीजे नागेंद्र राय मारपीट को लेकर चर्चित रहते थे। 1990 के दशक के अंत तक नागेंद्र राय ने छोटे-मोटे अपराध करना शुरू कर दिया था। अपने चाचा लालू के साथ पारिवारिक संबंधों का इस्तेमाल लोगों को धमकाने और जबरन वसूली करने के लिए करना शुरू कर दिया। नागेंद्र पर मुख्य रूप से विवादित भूमि पर, ठेकेदारों या भूमि मालिकों को निर्माण की अनुमति देने के लिए पैसा वसूली का आरोप लगता रहा है।
हालाँकि लालू ने सार्वजनिक रूप से अपने भतीजे से दूरी बनाए रखी है। नागेंद्र राय जबरन वसूली और आपराधिक धमकी के पांच मामलों का सामना कर रहे हैं। ऐसे आरोप हैं कि नागेंद्र के बेटे और लालू के पोते इस मामले में पुलिस कार्रवाई से इसलिए बचे हुए हैं क्योंकि उन्हें अपने पारिवारिक संबंधों के कारण “सुरक्षा” प्राप्त है।
इसी नागेंद्र यादव के बेटे तनुज यादव और नयन यादव ने पटना की सड़क पर एक सरकारी अधिकारी को घसीट – घसीट कर मारा। इस मार से कार्यपालक पदाधिकारी अरविंद कुमार सिंह मरणासन्न हो गए। जान बचाने की गुहार लगाते रहे लेकिन कोई सुनने वाला नहीं था। उल्टे हमलावर तनुज और नयन ने धमकी दी कि वे लालू प्रसाद के पोता हैं उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
गाड़ी में अरविंद कुमार सिंह के भाई विजय सिंह भी मौजूद थे। विजय ने बताया कि रूपसपुर थाना क्षेत्र के गोला रोड में गाड़ी रोकने वाले युवक नशे में धुत्त थे। जैसे ही उनसे बात करने के लिए अरविंद नीचे उतरे, बदमाशों ने रॉड से उनके सिर पर हमला कर दिया। हमला करने वालों में से एक अपना नाम तनुज यादव बता रहा था। इस दौरान वो बार-बार कह रहा था, मेरा नाम तनुज यादव है। मैं नागेंद्र यादव का बेटा हूं। लालू यादव मेरे बाबा हैं। तुमको जो उखाड़ना होगा उखाड़ लेना। विजय ने बताया कि तनुज यादव और उसके साथियों ने लूट की भी कोशिश की है।
अरविंद कुमार सिंह गोपालगंज के रहने वाले हैं। अरविंद कुमार सिंह गया के डोभी नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी हैं। मारपीट के क्रम में अरविंद सिंह की दाहिने आंख में गंभीर चोट आई है। पहले तो उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन उनकी स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने दिल्ली रेफर कर दिया। अभी उनका इलाज दिल्ली एम्स में चल रहा है। पीड़ित के भाई विजय सिंह ने स्थानीय थाना में लिखित शिकायत दी है। इस संबंध में रूपसपुर थानाध्यक्ष रण विजय कुमार ने बताया कि आवेदन प्राप्त हुआ है। जांच की जा रही है। जब दबाव बढ़ा तो एक अभियुक्त रंजन यादव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया लेकिन नागेंद्र राय के दोनों बेटे नयन यादव और तनुज यादव को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने कहा है कि कार्यपालक पदाधिकारी अरविंद कुमार सिंह पर जानलेवा हमला करने के आरोपी तनुज यादव एवं नयन यादव रिश्ते में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के पोते हैं। इसलिए पुलिस ने दोनों को बचाने के लिए मामूली धाराओं में मामला दर्ज किया है। जबकि आरोपियों के विरुद्ध रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के अन्तर्गत कार्रवाई करनी चाहिए थी।
भारतीय जनता पार्टी ने इसे जंगल और गुंडाराज 3 की संज्ञा दी है। केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने कहा है कि पहले भी गुंडाराज था और आज भी है। प्रतिपक्ष के नेता विजय सिंह ने थाना प्रभारी पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
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