श्रीनगर शहर में 1990 के दौरान भारतीय वायुसेना कर्मियों की हत्या के गवाह ने गुरुवार को विशेष सीबीआई अदालत में जेकेएलएफ अध्यक्ष यासीन मलिक को मुख्य शूटर के रूप में पहचाना है। अभियोजन पक्ष की ओर से इस गवाह को पेश किया गया था।
श्रीनगर शहर के रावलपोरा इलाके में 25 जनवरी, 1990 को एक आतंकी हमले के दौरान की गई गोलीबारी में एक स्क्वाड्रन लीडर सहित चार वायुसेना कर्मी मारे गए और 22 घायल हो गए। उस समय यह सभी दिन की ड्यूटी के लिए स्टाफ बस का इंतजार कर रहे थे। इसी मामले में आज मलिक को दिल्ली की तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश किया गया, जहां उसे एक अन्य आतंकी अपराध में आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद से रखा गया है।
विशेष सीबीआई अदालत में पूर्व वायुसेना कर्मी राजवार उमेश्वर सिंह और अभियोजन पक्ष के एक प्रत्यक्षदर्शी ने गुरुवार को मलिक की पहचान रावलपोरा में वायुसेना कर्मियों पर गोलीबारी करने वाले मुख्य शूटर के रूप में की है। सीबीआई की वकील मोनिका कोहली ने संवाददाताओं से कहा कि गोलीबारी की घटना में मुख्य शूटर के रूप में मलिक की पहचान होना इस मामले की जांच का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
सौजन्य – सिंडिकेट फीड
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