हिन्दू विरोधी फिल्म अन्नपूर्णी को अंतत: नेटफ्लिक्स ने चुपके से डिलीट कर दिया है। यह फिल्म एक बार फिर से वही कहानी कह रही थी कि हिन्दू पिछड़े होते हैं और जाहिर है कि यदि खाना पकाने की भी किसी प्रतिस्पर्धा में सफल होना है तो आपको नमाज पढनी ही होगी, क्योंकि बिरयानी की कला तो नमाज पढ़कर ही आएगी।
एक ब्राह्मण परिवार की लड़की को शेफ बनना है या जीतना है तो वह बिरयानी बनाएगी और उसने जिससे सीखी है, तो चूंकि वह बिरयानी बनाने से पहले नमाज पढती है तो नमाज पढ़ने से बिरयानी में स्वाद आता है, वह भी वह ब्राह्मण परिवार की लड़की करेगी।
इस फिल्म को लेकर लोगों के दिल में गुस्सा था और इस फिल्म को लेकर औपचारिक शिकायत दर्ज कराई गई थी और अंतत: इस फिल्म को हटा लिया गया। इस फिल्म में एक नहीं कई हिन्दू विरोधी वक्तव्य थे और जिनमें से एक था कि प्रभु श्री राम मांसाहारी थे और इसके लिए वाल्मीकि रामायण का सहारा लिया, जिसमें फिल्म का हीरो फरहान फिल्म की हीरोइन से यह कहता है कि ब्राह्मण परिवार और मंदिर की पूजा करने वाले परिवार की लड़की का मांसाहारी होना गलत नहीं है क्योंकि वाल्मीकि रामायण में भी तो प्रभु श्री राम मांसाहार करते थे
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इसके कुछ दृश्य अत्यंत आपत्तिजनक थे और इसे लेकर लोगों का गुस्सा भी कई दिनों से जारी था। सोशल मीडिया पर इसका लगातार विरोध हो रहा था। यह फिल्म पूरी तरह से लव जिहाद को लेकर ही समर्पित दिखाई दे रही थी। कैसे हिन्दू लड़कियों का सुनियोजित तरीके से ब्रेनवाश किया जाता है और किया जा रहा है, सब इसमें दिखाया गया था।
दरअसल यह कहानी एक ऐसी हिन्दू ब्राह्मण लड़की की है, जिसका सपना शेफ बनना है, परन्तु उसे लगता है कि उसके रास्ते की सबसे बड़ी बाधा उसका पारिवारिक और धार्मिक माहौल है। उसे लगता है कि वह कैसे एक पुजारी की बेटी होकर नॉन-वेज पका पाएगी?
जो दृश्य हैं, उनमें यह स्पष्ट देखा जा रहा है कि वह अपने मुस्लिम दोस्त से अपने दिल की बात कहती है और वह उसे इस दोराहे से बाहर आने में सहायता करता है। वह उससे कहता है कि नॉन-वेज होने में कोई समस्या नहीं है, वह वाल्मीकि रामायण से एक श्लोक उद्घृत करते हुए कहता है कि वाल्मीकि रामायण में भी लिखा है कि प्रभु श्री राम ने वन में रहते हुए मांस खाया था। इसलिए उसका भी ऐसा करना गलत नहीं है।
इसी दृश्य पर लोगों को आपत्ति थी और इसे लेकर भी धार्मिक भावनाएं आहत करने की रिपोर्ट दर्ज कराई गयी थी, जिसे लेकर जी स्टूडियो ने माफी मांगी और नेटफ्लिक्स से उस मूवी को हटा दिया गया।
दरअसल ऐसे एक नहीं कई दृश्य थे, जिन्हें लेकर हिन्दू आईटीसेल के रमेश राजपूत ने मुम्बई पुलिस के पास रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
I have filed complain against #AntiHinduZee and #AntiHinduNetflix
At a time when the whole world is rejoicing in anticipation of the Pran Pratishtha of Bhagwan Shri Ram Mandir, this anti-Hindu film Annapoorani has been released on Netflix, produced by Zee Studios, Naad Sstudios… pic.twitter.com/zM0drX4LMR
— Ramesh Solanki 🇮🇳 (@Rajput_Ramesh) January 6, 2024
परन्तु जैसे ही उसे हटाया गया, वैसे ही सोशल मीडिया पर कम्युनिस्ट और उन लोगों का विलाप आरम्भ हो गया जो लगातार दक्षिण और उत्तर की बहस करते हुए भारत का विरोध करते हैं। उन लोगों का कहना है कि अन्नपूर्णी फिल्म को हटाया नहीं जाना चाहिए था क्योंकि इसने किसी की भी भावना को आहत नहीं किया है और भारत के उत्तरी हिस्से के लोगों की भावनाएं बहुत जल्दी आहत हो जाती हैं। वह लगातार तर्क दे रहे हैं कि सरकार ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला किया है।
इस फिल्म के हटाए जाने को दक्षिण और उत्तर का मामला बनाकर एक नया विवाद पैदा करना चाहते हैं। एक यूजर का कहना है कि नयनतारा की फिल्म अन्नपूर्णी को नेटफ्लिक्स से हटे हुए पूरे 24 घंटे हो गए हैं, मगर कॉलिवुड के बड़े नामों से कोई भी विरोध की आवाज नहीं आई है। न ही रजनीकांत कुछ कह रहे हैं और न ही कमल हासन! इस यूजर का कहना है कि यहाँ तक कि सनातन धर्म के खिलाफ पिछले वर्ष खुलकर बोलने वाले उदयनिधि स्टालिन भी चुप है, और जो ऐसी पार्टी के नेता है जो साम्प्रदायिक एवं जातिवादी शक्तियों के खिलाफ लड़ती है।
हर अगर-मगर से परे यह फिल्म पूरी तरह से हिन्दू विरोधी होने के साथ ही ऐसे समय पर प्रभु श्री राम का अपमान कर रही है जब पूरा देश 22 जनवरी 2024 को श्री अयोध्या जी में प्रभु श्री राम के मंदिर में होने वाली प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियों में डूबा हुआ है।
ऐसे में इस प्रकार की अपमानजनक भाषा क्या सायास प्रयास है या फिर यह उसी षड्यंत्र का एक और हिस्सा है जिसमें हिन्दुओं को अपमानित करने के लिए फिल्मों का सहारा लिया जाता रहा है। यह भी भारत जैसे देश की विडंबना है कि यहाँ पर जब केरल स्टोरी और कश्मीर फाइल्स जैसी फ़िल्में बनाकर छिपी हुई सच्चाई सामने लाने का प्रयास किया जाता है तो उन्हें उसी वर्ग द्वारा प्रोपोगैंडा फिल्म बताया जाता है जो वर्ग नयनतारा की फिल्म अन्नपूर्णी, जिसमें बिरयानी पढ़ने के लिए नमाज पढ़ना जरूरी इसलिए बताया गया है क्योंकि इससे स्वाद आता है, के नेटफ्लिक्स के हटने को क्रिएटिव लिबर्टी पर हमला कह रहा है!
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