अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा यमन में घुसकर हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक से ईरान बिलबिला उठा है। उसने अमेरिका और ब्रिटेन की इस संयुक्त कार्रवाई को यमन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर हमला करार दिया है।
नौर्न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने एक बयान में कहा कि ईरान यमन के हूती-नियंत्रित क्षेत्रों में अमेरिकी और ब्रिटिश हवाई हमलों की ‘कड़ी निंदा’ करता है। कनानी ने कहा, “हम इसे यमन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का स्पष्ट उल्लंघन और अंतरराष्ट्रीय कानूनों, विनियमों और अधिकारों का उल्लंघन मानते हैं।”
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ईरान समर्थित विद्रोही बलों द्वारा लाल सागर शिपिंग पर हफ्तों के विघटनकारी हमलों के बाद शुक्रवार तड़के यमन के हौथी-नियंत्रित क्षेत्रों में हवाई हमले किए गए।
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हूतियों का समर्थन करता है ईरान
दरअसल, ईरान लेबनान के हिजबुल्लाह आतंकी संगठन और यमन के हूती विद्रोही समूह का समर्थन करता है। इसके अलावा वो हूती लड़ाकों को हथियार भी देता है। जब से इजरायल और हमास के बीच युद्ध शुरू हुआ है तभी से इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन ने लाल सागर में व्यापारिक जहाजों पर टार्गेटेड हमले शुरू कर दिए हैं। अभी दो दिन पहले ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इसको लेकर एक प्रस्ताव भी पारित किया गया था।
लेकिन UNSC में वोटिंग के दौरान रूस, चीन, अल्जीरिया और एक अन्य देश वोटिंग से अलग रहे। जबकि, लाल सागर में यमन के हूती आतंकियों के बढ़ते खतरे के खिलाफ अंकुश लगाने के पक्ष में 11 वोट पड़े थे। इसके अलावा रूस ने तीन संशोधन सुझाए थे, जिसे खारिज कर दिया गया था।
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