झारखंड : 22 जनवरी को अयोध्या में भव्य राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव है। जिसको लेकर पूरे देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी हिंदू श्रद्धा और रामभक्ति में डूबकर इस पावन बेला के लिए उत्सव मना रहे हैं। इस बीच श्रीराम के प्रति समर्पण और उनकी आराधना के कई रूप देखने को मिल रहे हैं। आस्था की इस अविरल लहर के बीच धर्म के मार्ग से थोड़ा समय के लिए भटक चुके लोग भी अब अपनी सनातन जड़ों की तरफ लौट रहे हैं।
दरअसल अयोध्या राम मंदिर से अक्षत चावल और निमंत्रण पत्र घर-घर जा रहे हैं। इसी कड़ी में बुधवार को खूंटी जिले के पाटपुर गांव में पूजित अक्षत और निमंत्रण पत्र लेकर रामभक्त पहुंचे, जहां पहले से मतांतरित होकर ईसाई बन चुके दो परिवारों ने सनातन धर्म में रामभक्तों के सामने घर वापसी की।
घर वापसी करने वाले दोनों परिवारों के सदस्यों ने कहा भगवान राम उनके आराध्य हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के बहकावे में आकर वे अपने मार्ग से भटक गए थे और दूसरे पंथ में चले गए थे, लेकिन अब उन्हें सही और गलत की पहचान हो गई है। आगे वे बोले कि भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर श्रद्धा और भक्ति का माहौल है। जिसे देखकर हमें खुद को रोक पाना काफी मुश्किल है। अब हमारा मन राम से मिलने को व्याकुल है। उन्होंने कहा कि जल्द ही हम अयोध्या जाएंगे। यह कहते हुए घर वापसी करने वाले राजेंद्र चीक बड़ाईक और उमेश चीक बड़ाईक भाव-विभोर हो गए औरआंखों से अश्रू धारा बहने लगी।
इसके बाद इन दोनों परिवारों के सदस्यों ने विधि-विधान के साथ सनातन धर्म को अपनाते हुए घर वापसी कर ली। इस दौरान विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता मौजूद थे ।
बतादें, बुधवार को जब विहिप और बजरंग दल के लोग पूजित अक्षत वितरण और निमंत्रण पत्र लेकर वहां पहुंचे तो राजेंद्र और उमेश समेत उनके पूरे परिवार ने रामयात्रा में शामिल होंगे की अपनी इच्छा जताई। उनकी भक्ति और उत्साह को देखकर उन्हें पूजित अक्षत दिए गए, पूजित अक्षत इन दोनों परिवारों ने माथे से लगाकर बड़े ही श्रद्धाभाव से अपने घर पर रखे।
घर वापसी कर चुके राजेंद्र चीक बड़ाईक और उमेश चीक बड़ाईक ने कहा कि हम पूरे परिवार के साथ 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर अपने घरों में भगवान सत्यनारायण की कथा सुनेंगे इसके बाद अयोध्या में जाकर भगवान राम के दर्शन भी करेंगे।
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