अयोध्या में प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि को मुक्त कराने को लेकर एक लंबी लड़ाई चली जिसके परिणाम स्वरूप आज भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है। वहीं ज्ञानवापी और मथुरा को लेकर भी मामला न्यायालय में चल रहा है। इसी बीच राजस्थान के जयपुर से लोकसभा सांसद रामचरण बोहरा ने केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखकर ‘ढाई दिन का झोपड़ा’ को भारतीय समाज पर कलंक बताया है।
लोकसभा सांसद रामचरण बोहरा ने भारत सरकार के संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी को लिखे अपने पत्र में कहा है कि ‘ढाई दिन का झोपड़ा जोकि 12वीं सदी में महाराज विग्रहराज चौहान द्वारा देवालय और संस्कृत शिक्षण केंद्र के रूप में स्थापित किया गया था, जिसे मोहम्मद गौरी के कहने पर कुतुबुद्दीन ऐबक ने तोड़ दिया था। यह केंद्र वेद पुराणों का प्रसारक होने के साथ ही संस्कृत शिक्षा का महत्वपूर्ण केंद्र रहा। इस्लामिक आतंक की दासता का यह चिह्न आज भी भारतीय समाज के लिए कलंक है।’
#राजस्थान में तीर्थगुरु पुष्कर में महाराज विग्रहराज चौहान द्वारा स्थापित “सरस्वती-कण्ठाभरणम्” संस्कृत शिक्षा संस्थान का विध्वंस कर मुगल आक्रांताओं द्वारा बनाए “अढ़ाई दिन के झोंपड़े” को मूल स्वरूप में लाने के लिए आज माननीय संस्कृति व मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी जी को पत्र लिखा। pic.twitter.com/o0S6RH3PPz
— Ramcharan Bohra (@RamcharanBohra) January 9, 2024
उन्होंने अपने पत्र में मांग की है कि इस मस्जिद की जगह इस स्थान को इसे इसके मूल स्वरूप (संस्कृति शिक्षण संस्थान) में परिवर्तित करने के लिए यह पत्र आपके विचारार्थ प्रस्तुत है। इससे महाराज विग्रहराज के लोकोत्तर व्यक्तित्व एवं कृतित्व के साथ ही पुरातन एवं महत्वपूर्ण संस्कृत शिक्षण केंद्र पुन: स्थापित हो सकेगा, जोकि सनातन धर्म के संरक्षण एवं विस्तार में महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।’‘
बता दें कि यह स्थान ‘ढाई दिन का झोपड़ा’ राजस्थान में अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह के पास स्थित है। जो कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एसआई) विभाग की ओर से संरक्षित है। इसकी देखरेख का काम राजस्थान बोर्ड ऑफ मुस्लिम वक्फ की ओर से किया जाता है।
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