श्रीराम की नगरी अयोध्या को तरह-तरह से सजाया जा रहा है। गलियों-कूचों को ठीक करने के साथ ही सड़कों का जाल बिछ गया है। अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन को नया रूप दिया गया है और हवाई अड्डा चालू हो गया है
आज अयोध्या अपने पुराने गौरव में लौट रही है। अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा शुरू होने के बाद देश-विदेश के लोग सीधे अयोध्या पहुंच रहे हैं। इसके साथ ही रामायणकालीन स्थलों तक आवागमन के लिए सड़क, जल एवं वायु मार्ग की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए अयोध्या समेत वाराणसी एवं नैमिषारण्य (सीतापुर) में हेलिकॉप्टर सेवा के लिए हेलिपोर्ट का विकास एवं संचालन पीपीपी मोड पर कराया जाएगा।
अयोध्या जनपद की सीमा 6 जनपदों से लगी हुई है। इन सभी 6 जनपदों पर स्वागत द्वार बनाए जा रहे हैं। इन सभी स्वागत द्वारों के निकट ठहरने एवं खाने-पीने की उत्तम व्यवस्था की जा रही है। आर्थिक आधार पर इसमें तीन प्रकार की व्यवस्था बनाई गई है। अगर कोई श्रद्धालु साधारण रूप से आता है तो उसे 365 रुपए में खाने-पीने और ठहरने की सुविधा मिलेगी। उसके बाद मध्यमवर्गीय और उच्च वर्ग के लिए दरें अलग होंगी।
वर्ष 2017 में योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। उसके बाद से अयोध्या का उत्तरोत्तर विकास हो रहा है। राम नगरी की प्रतिष्ठा को स्थापित करने के लिए सब प्रकार के प्रयास हो रहे हैं। लोक निर्माण विभाग, नगर विकास एवं पर्यटन विभाग समेत कई विभागों की ओर से विकास की योजनाएं चलाई जा रही हैं। अयोध्या में गलियों का सौंदर्यीकरण हुआ है। रामजी की पैड़ी को एक नया स्वरूप दिया गया है।
अयोध्या में पंच-कोसी, चौदह-कोसी और चौरासी-कोसी परिक्रमा मार्ग की योजना का कार्य प्रगति पर है। पंच-कोसी परिक्रमा मार्ग के अंदर पुरानी अयोध्या आती है। चौदह-कोसी परिक्रमा मार्ग में अयोध्या का विस्तृत भाग है जिसे अयोध्या नगर कहा जा सकता है। चौरासी-कोसी परिक्रमा मार्ग बस्ती जनपद में स्थित है मखोड़ा धाम, जहां महाराजा दशरथ ने पुत्रयेष्टि यज्ञ किया था। यहां से मार्ग प्रारंभ होकर आंबेडकर नगर, सुल्तानपुर, बाराबंकी, गोंडा होते हुए बस्ती जनपद को स्पर्श करता है।
पंच-कोसी परिक्रमा मार्ग के अंदर श्रद्धालुओं के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। वहां पर सड़क चौड़ीकरण का कार्य प्रगति पर है। इसी प्रकार से चौदह-कोसी परिक्रमा मार्ग में पैदल श्रद्धालुओं के लिए भी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। नंदी ग्राम जहां भगवान राम की प्रतीक्षा में भरत जी ने चौदह वर्ष बिताए थे और शासन व्यवस्था का संचालन किया था, वहां की कार्य-योजना भी बनाई जा रही है। इसके साथ ही अयोध्या के अन्य घाटों का भी विकास किया जाएगा। मंदिर का निर्माण ट्रस्ट करा रहा है मगर उसके बाहर का जो शेष भाग है, वहां पर सरकार तेजी से विकास कार्य को आगे बढ़ा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इच्छा है कि पंच-कोसी परिक्रमा मार्ग के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र को ‘सोलर सिटी’ के रूप विकसित किया जाए। इस योजना पर तेजी से कार्य चल रहा है। भगवान श्रीराम ने सूर्यवंश में अवतार लिया था। इसलिए योगी आदित्यनाथ, अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित करना चाहते हैं।
एक अगस्त, 2023 को अयोध्या शहर को मॉडल सोलर सिटी के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया। लगभग 66 हेक्टेयर क्षेत्र पर 40 मेगावाट की सोलर विद्युत उत्पादन परियोजना के लिए कार्य प्रारम्भ हो गया है। मंदिर निर्माण के बाद पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्या में कई गुना वृद्धि होने वाली है। उसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। जर्जर और लटके हुए बिजली के तारों को हटाकर भूमिगत केबल बिछा दी गई है। पुरानी अयोध्या में भूमिगत केबल का कार्य लगभग पूरा हो चुका है।
2017 में जब दीपावली का पर्व निकट आया तब योगी आदित्यनाथ ने पूछा कि दीपावली के अवसर पर अयोध्या में किस प्रकार का आयोजन किया जाता है? उन्हें बताया गया कि दीपावली पर अयोध्या में कोई आयोजन नहीं किया जाता। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दीपावली का पर्व जहां से शुरू हुआ, उस अयोध्या में ही कोई आयोजन नहीं किया जाता! मुख्यमंत्री की पहल पर 2017 में अयोध्या में दीपोत्सव आरम्भ हुआ। यह दीपोत्सव, गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ। हर वर्ष प्रदेश सरकार की ओर से किया जाने वाला यह आयोजन अपना पिछला रिकार्ड तोड़ कर एक नया रिकार्ड बना रहा है।
सरयू नदी की धारा को अविरल बनाया गया है। धरा की अविरलता और निर्मलता को बरकरार रखने के लिए वहां आधुनिकतम सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे। आज अयोध्या में तमाम राज्य अपने अतिथि गृह बना रहे हैं। अनेक धार्मिक- सामाजिक संस्थाएं धर्मशालाएं बना रही हैं। बहुत से संत और अखाड़े वहां मंदिर और आश्रम बनाना चाहते हैं। इसलिए ढांचागत सुविधाओं के साथ ही आवागमन के साधनों को बढ़ाया जा रहा है। दर्शन पथों, परिक्रमा पथों का चौड़ीकरण किया गया है। मार्गों पर प्रकाश व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर पर्यावरण विभाग 100 वर्ष से पुराने वृक्षों को चिन्हित करके उन्हें हेरिटेज स्थल बनाकर संरक्षित करने का कार्य कर रहा है। योगी आदित्यनाथ का कहना है कि अयोध्या में सिर्फ ईंट और रेत की इमारतें न दिखें, बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य भी दिखना चाहिए।
उत्तर प्रदेश के आवास विभाग ने रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) जारी किया है। विश्वस्तरीय सलाहकार द्वारा अयोध्या के विकास का जो मॉडल तैयार किया जाएगा, आवास विभाग उसके आधार पर विकास प्राधिकरण के माध्यम से कार्य कराएगा। अयोध्या आने वाली रेलवे लाइन का दोहरीकरण के साथ भविष्य की जरूरतों के अनुसार रेलवे स्टेशन का सौदर्यीकरण और विस्तारीकरण किया जा रहा है। अयोध्या से सुल्तानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग से एयरपोर्ट तक चार लेन की सड़क का नवनिर्माण होना है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अयोध्या धाम से बाईपास के लिए सोहावल से विक्रमजोत तक का प्रस्ताव बना रहा है। करीब 1,500 करोड़ रुपए की लागत से रायबरेली से अयोध्या तक चार लेन की सड़क के चौड़ीकरण का कार्य भी होना है।
योगी आदित्यनाथ ने 2019 में अयोध्या को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया था। इसके लिए अयोध्या को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने हेतु केंद्र व प्रदेश सरकार की ओर से करीब 10 हजार करोड़ रुपए की परियोजनाओं को लागू कर दिया गया है।
अयोध्या में ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट का भी निर्माण कराया जा रहा है। इस महत्वाकांक्षी योजना पर 856.84 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसके साथ ही योगी सरकार क्वीन हो मेमोरियल पार्क का भी निर्माण करा रही है। लगभग 2 हजार वर्ष पूर्व अयोध्या के राज परिवार की राजकुमारी सूरीरत्ना का आगे कोरिया के तत्कालीन राजा किम सोरो से विवाह हुआ था। उसके बाद वहां उन्हें क्वीन हो के नाम से जाना जाता है।
पर्यटन विभाग की इस क्वीन हो मेमोरियल पार्क योजना पर 2192.03 लाख रुपए खर्च होंगे। योगी सरकार कुंडों के विकास के लिए भी संकल्पित है। हनुमान कुंड व स्वर्ण खनी कुंड का विकास भी होगा। हनुमान कुंड पर 145.44 और स्वर्ण कुंड पर 106.45 लाख रुपए व्यय होंगे। 216 लोगों की क्षमता वाला आडिटोरियम भी बनाया जाएगा। इसके लिए 488. 97 लाख रुपए खर्च होंगे। संस्कृति विभाग की यह योजना जल्दी ही मूर्त रूप लेगी।
अयोध्या के साथ ही एक नया शहर बसाने की तैयारी शुरू हो गई है। नया शहर 1,852 एकड़ भूमि पर यह बसाया जाएगा। इस पर करीब 3,000 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। इस नई अयोध्या में मठ-धर्मशाला आदि को करीने से बसाया जाएगा। अयोध्या शहर को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए 6 नए रेलवे ओवर ब्रिज बनकर तैयार हैं। इनके अतिरिक्त अन्य स्थानों पर नए रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण कराया जा रहा है।
अयोध्या पहुंचना अब और आसान हो जाएगा। इसके लिए अन्य प्रमुख शहरों से अयोध्या को जोड़ा जा रहा है। 1,500 करोड़ रुपए की लागत से अयोध्या-जगदीशपुर हाईवे का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। 400 करोड़ रुपए की लागत से अयोध्या-अकबरपुर-बसखारी फोरलेन हाईवे का कार्य करीब 60 फीसदी पूरा हो चुका है। 67 किलोमीटर लंबी रिंग रोड बनाई जा रही है। यह रिंग रोड अयोध्या से गोंडा होते हुए बस्ती जनपद की तरफ निकलेगी। रिंग रोड के निर्माण के लिए भूमि की व्यवस्था लगभग हो चुकी है।
शहादतगंज से नया घाट के बीच 250 करोड़ रुपए की लागत से फोर लेन सड़क बनाई जाएगी। इस मार्ग का सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा। भरत की तपस्थली भरतकुंड तक दो लेन की सड़क बन कर तैयार है। इस पर 54 करोड़ रुपए की लागत आई है। राजा दशरथ के समाधि-स्थल बिल्वहरि घाट से अयोध्या तक फोरलेन सड़क बनाई जा रही है। इस पर 400 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग द्वारा 18 अगस्त, 1986 से संचालित अयोध्या शोध संस्थान को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप प्रदान करते हुए ‘अंतरराष्ट्रीय अयोध्या रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान’ के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके माध्यम से विश्व में राम कथा साहित्य पर गंभीर अध्ययन एवं शोध किया जाएगा। रामलीला के मंचन से वैश्विक स्तर पर सांस्कृतिक आदान-प्रदान हो सकेगा। अन्य देशों की रामलीला का मंचन अयोध्या में तथा अयोध्या की सांस्कृतिक विरासत का प्रचार-प्रसार संपूर्ण विश्व में किया जाएगा।
श्रीराम के आदर्शों एवं व्यक्तित्व पर आधारित रामलीला विश्व के लगभग 40 देशों में आयोजित की जाती है। इससे अंतरराष्ट्रीय रामलीला मंचन से जुड़े हुए कलाकारों को एक-दूसरे की संस्कृति से परिचित होने का मौका मिलेगा। यहां के कलाकारों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का मंच प्रदान किया जाएगा। इस संस्थान के शोध साहित्य को कम से कम मूल्य पर सर्वसाधारण को सुलभ कराया जाएगा। संस्थान को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए देश एवं विदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों से समझौते हो रहे हैं।
अयोध्या जनपद की तहसील सदर के ग्राम माझा जमथरा की नजूल भूमि में भारतीय मंदिर वास्तुकला संग्रहालय की स्थापना हेतु 25 एकड़ भूमि का स्वामित्व पर्यटन विभाग के पक्ष में नि:शुल्क हस्तांतरित किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। घरेलू पर्यटकों की दृष्टि से उत्तर प्रदेश का द्वितीय एवं विदेशी पर्यटकों की दृष्टि से तृतीय स्थान है।
अयोध्या के ‘मकर संक्रांति मेला’ एवं ‘वसंत पंचमी मेला’ तथा जनपद बुलन्दशहर के ‘कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान मेला अनूपशहर’ का प्रांतीयकरण किया गया है। अयोध्या में मकर संक्रांति मेला प्रतिवर्ष पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया से प्रारंभ होकर सप्तमी तक 5 दिन और वसंत पंचमी मेला प्रतिवर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया से प्रारंभ होकर सप्तमी तक 5 दिन आयोजित होता है।
‘कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान मेला, अनूपशहर’ प्रतिवर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को प्रारंभ होता है तथा मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तक लगभग 10 दिन तक चलता है। इन मेलों का स्वरूप अन्तरजनपदीय है। मकर संक्रांति मेला एवं वसंत पंचमी मेला का सीमा क्षेत्र नगर निगम अयोध्या का संपूर्ण क्षेत्र है।
मेला अवधि में गुप्तारघाट से अयोध्या तक संपूर्ण नगर निगम अयोध्या में श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। उधर बुलंदशहर में कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान मेला क्षेत्र की सीमा उत्तर-पश्चिम में गंगा नदी की मुख्य धारा दक्षिण-पश्चिम में अलीगढ़-अनूपशहर सड़क पर अचलपुर के बम्बा के पुल तक, पूर्व दिशा में बाबा मस्तराम की समाधि तक रहती है। मेले का प्रान्तीयकरण हो जाने के बाद इसका प्रबंधन संबंधित जिलाधिकारी द्वारा किया जाएगा। इस मेले के आयोजन पर होने वाले व्ययभार का वहन शासन द्वारा धनराशि की उपलब्धता के आधार पर किया जाएगा।
30 दिसंबर, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन किया। इससे पहले कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा शुरू हो चुका है। ग्रेटर नोएडा के जेवर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बन रहा है। 2017 से पहले लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर और आगरा से हवाई सेवाएं उपलब्ध थीं।
विगत 6 वर्ष में बरेली, प्रयागराज, हिंडन और कानपुर हवाई अड्डे का विकास कार्य कराया गया है। इसके साथ ही आगरा, सहारनपुर, अलीगढ़, आजमगढ़, मुरादाबाद, श्रावस्ती, चित्रकूट और सोनभद्र में हवाई अड्डों का कार्य तेज गति से चल रहा है। हवाई सेवाओं के लिहाज से देश में केरल, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्य उत्तर प्रदेश से आगे हैं। नए हवाई अड्डों के निर्माण के बाद उत्तर प्रदेश देश में हवाई सेवाओं के मामले में भी सबसे आगे हो जाएगा।
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