देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड में अयोध्या से श्रीराम मंदिर के पूजित अक्षत और निमंत्रण घर-घर पहुंच रहे हैं। हर घर में श्रीराम का भजन सुनाई दे रहा है। ऋषिकेश के समीप ब्रह्मपुरी में श्रीराम की तपोस्थली देखने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ भी अचानक बढ़ गई है। ऐसी मान्यता है कि भगवान राम ने रावण वध के पश्चात यहां ब्रह्म का प्रायश्चित किया था। ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर श्रीरघुनाथ मंदिर में भी विशेष पूजा-अर्चना हो रही है।
देव प्रयाग स्तिथ श्रीरघुनाथ मंदिर में 22 जनवरी तक रामायण का पाठ होगा और अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के पश्चात वाल्मीकि रामायण वितरण का कार्यक्रम रखा गया है। रामनगर के पास जंगल में सीतावनी आश्रम में भी श्रीराम पूजन के कार्यक्रम चल रहे हैं। ऐसी मान्यता है कि महर्षि वाल्मीकि सीता माता को वनवास में यहीं लेकर आए थे। देवभूमि उत्तराखंड में हर शहर, हर गांव, हर बस्ती में अयोध्या से आए श्री राममंदिर अक्षत पत्रों के वितरण का कार्य किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक अभी तक तीन लाख अक्षत पत्रों का वितरण हो चुका है।
हर मंदिर में 22 जनवरी को प्रभु श्रीराम के कार्यक्रम रखे गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स में श्रीराम की चौपाइयों की व्याख्या करते दिख रहे हैं। अपने हर भाषण में मुख्यमंत्री धामी श्री राम मंदिर के विषय में जानकारी और अपने अनुभव बता रहे हैं। बीजेपी के सभी सांसद, मंत्री, विधायक और जन प्रतिनिधि भी श्रीराम मंदिर को लेकर कार्यक्रम कर रहे हैं। विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ता श्री राम मंदिर कार्यक्रमों को लेकर सक्रिय हैं। अक्षत निमंत्रण के कार्यक्रम में अभूतपूर्व उत्साह देखा जा रहा है। भगवा ध्वज लहराने लगे हैं और श्रीराम के भजन हर गली-मोहल्ले में सुने जा रहे हैं।
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