बिहार में अक्सर जिहाद के नए नए स्वरूप देखने को मिलते हैं। इस जिहाद का उद्देश्य एक ही रहता है कि अपने मत का प्रचार करना या फिर जो विरोध करे उसे समाप्त कर दो। इस बार मासूम बच्चों के पोषण में बनावटी अंडे की बात सामने आई है। मामला एक खास समुदाय से संबंधित है इसलिए कोई त्वरित कार्रवाई भी नहीं हो रही है। वहीं एक अन्य घटना में 5 जनवरी को एक खास समुदाय पर टिप्पणी के लिए बिहार में 3 व्यक्तियों को जेल भेज दिया गया, लेकिन नकली अंडे की आपूर्ति करने वाले के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हुई।
यह मामला सिवान के रघुनाथपुर प्रखंड अंतर्गत मध्य विद्यालय, नेवारी का है। यहां प्रधानमंत्री पोषण योजना अंतर्गत विद्यालय में प्रतिदिन भोजन मिलता है। 5 जनवरी को विद्यालय के वेंडर ईमाम अंसारी द्वारा बच्चों को देने के लिए अंडा पंहुचाया गया। शिक्षकों ने जब देखा तो उन्हें ये अंडे बनावटी लगे । बनावटी अंडा शरीर के मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करता है। इसका दिमाग, लीवर और किडनी पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। अंडों को गभीरार निवासी ईमाम अंसारी का स्टॉफ सोनू लेकर आया था। प्रधानाध्यापिका गायत्री कुमारी व सहायक शिक्षकों ने जब इसके बारे में सोनू से पूछताछ की तब उसने कहा कि इस बार इन अंडों को खपा दीजिए और कहीं सूचना नहीं कीजिए। अगली बार से ये अंडे आपके विद्यालय में नहीं आएंगे ।
इसके बाद विद्यालय के सहायक शिक्षक प्रकाश चंद्र द्विवेदी ने फोटो सहित इसकी सूचना वरीय पदाधिकारियों को दी। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मीनू कुमारी ने कहा कि उपयुक्त जांच कर वेंडर के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
ईमाम अंसारी को जब पता लगा कि विद्यालय के शिक्षक के द्वारा वरीय पदाधिकारियों को इसकी सूचना दी गई है, तो उसने सहायक शिक्षक प्रकाश चंद्र द्विवेदी के मोबाइल पर फोन करके उनको धमकाना शुरू कर दिया। प्रकाश चंद्र द्विवेदी ने बताया कि धमकी भरे कॉल का ऑडियो रिकॉर्डिंग मेरे मोबाइल में सुरक्षित है। जांच के क्रम में पदाधिकारी के समक्ष पेश करूंगा।
इतना सब कुछ होने के बाद वेंडर के द्वारा फल के रूप में इस कड़ाके की ठंड भरे मौसम में बच्चों के लिए केला उपलब्ध कराया गया, जो बच्चों की सेहत के साथ खिलवाड़ करने जैसा प्रतीत होता है।
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