आगामी 22 जनवरी को होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को लेकर पूरा विश्व उत्साहित है। ऐसे में भगवान राम की ससुराल जनकपुर में भी लोगों में अत्यंत उत्साह है। जनकपुर नेपाल से यात्रा करके लोग देर रात अयोध्या पहुंचे। ऐसी परंपरा है कि ससुराल से घर-गृहस्थी की सभी वस्तुएं उपहार में दी जाती हैं। जनकपुर धाम में इसे भार देना कहा जाता है। जनकपुर से करीब 5100 भार लेकर लोग अयोध्या पहुंचे। सभी श्रद्धालुओं ने शनिवार को दिन में दो बजे श्री राम मंदिर के ट्रस्ट को उपहार स्वरूप भार समर्पित किया।
जनकपुर से अयोध्या पहुंचे बिक्रम यादव ने बताया कि “जनकपुर से भारी संख्या में लोग अयोध्या पहुंचना चाहते हैं मगर अभी सभी लोगों का पहुंचना संभव नहीं हो पा रहा है। जनकपुर में सभी लोगों ने भगवान श्रीराम को वस्तुएं भेंट करने के लिए दिया है। हम लोग भार लेकर रात में पहुंच गए थे। आज दिन में दो बजे उन सभी भार को ट्रस्ट को समर्पित कर दिया गया। हमारे यह परंपरा है कि ससुराल से भार दिया जाता है। भगवान श्रीराम के विग्रह के इस महोत्सव में हम सब जनकपुर वासी अत्यंत उत्साहित हैं। ”
जानकारी के अनुसार शनिवार को दोपहर 2 बजे ट्रस्ट को भार समर्पित किया गया। जनकपुर धाम से आए श्रद्धालुओं ने घर-गृहस्थी के सभी सामान, सोने-चांदी के जेवरात, धनुष-बाण एवं विभिन्न प्रकार की वस्तुएं ट्रस्ट को समर्पित की। जनकपुरधाम नेपाल से आए राम भक्तों के अयोध्या पहुंचने पर पूरा वातावरण श्रीराम और जय सियाराम से गूंज उठा। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने घंटे आदि बजाकर उत्सव मनाया और राष्ट्रीय ध्वज भी लहराया गया।
अयोध्या में इन भक्तों का भव्य स्वागत किया गया। लोगों ने पुष्प वर्षा भी की। महंत राम रोशन दास ने बताया कि “हम लोग भार में विभिन प्रकार की वस्तुएं लेकर आए हैं। अयोध्या में भगवान श्री राम के प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव से पूरा जनकपुर धाम उत्साहित है। सिर्फ जनकपुर धाम ही नहीं पूरा विश्व उत्साहित है। ऐसे में हम लोग भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर आकर के धन्य महसूस कर रहे हैं। करीब 5100 की संख्या में भार, ट्रस्ट को समर्पित किया गया है।”
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