चित्रकूट में पाञ्चजन्य : घास-फूस और पत्तों की वह कुटिया, जिसमें प्रभु श्रीराम ने बिताए करीब 12 साल
July 15, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

चित्रकूट में पाञ्चजन्य : घास-फूस और पत्तों की वह कुटिया, जिसमें प्रभु श्रीराम ने बिताए करीब 12 साल

भगवान राम ने यहां पर 11 साल, 6 माह, 18 दिन निवास किया था

by Manish Chauhan
Jan 4, 2024, 04:02 pm IST
in भारत
पर्णकुटी

पर्णकुटी

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

चित्रकूट धाम। प्रभु श्रीराम ने वनवास काल के दौरान देवी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ चित्रकूट में घास-फूस की कुटिया में करीब 12 साल निवास किया था। यह कुटिया घास-फूस और पत्तों से बनी थी, जिसे पर्ण कुटी कहते हैं। इस पर्णकुटी को लक्ष्मण जी ने स्थानीय कोल और भील साथियों के साथ मिलकर बनाया था। हालांकि अब इस पर्णकुटी के स्थान पर मंदिर बना दिया गया है, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं और प्रभु श्रीराम और माता जानकी की उपस्थिति का अनुभव करते हैं।

इस पर्णकुटी को मंदिर का स्वरूप दे दिया गया है, जिसमें भगवान राम और माता सीता की प्रतिमा स्थापित है। इसी का साथ एक और पर्णकुटी है, जिसमें लक्ष्मण जी और आदि शेषनाग की प्रतिमा स्थापित की गई है। भक्तों में इस मंदिर को लेकर बड़ी आस्था है। यहां के पुजारी बच्चू महाराज ने पाञ्चजन्य को बताया कि भगवान राम ने यहां पर 11 साल, 6 माह, 18 दिन निवास किया था। इसका जिक्र रामचरितमानस के अयोध्या कांड में है। इस मंदिर में आने के लिए चारों दिशाओं से चार रास्ते हैं। एक कुटी में भगवान राम और माता जानकी, जबकि दूसरी कुटी में लक्ष्मण जी निवास करते थे। खास बात यह है कि इस मंदिर में प्रभु राम का वनवासी रूप दिखाया गया है। इसलिए इस मंदिर को भी वनवासी राम मंदिर करते हैं। पुजारी जी ने बताया कि पर्णकुटी के स्थान पर बना यह मंदिर 773 साल पुराना है।

प्रभु राम और माता जानकी की प्रतिमा

चित्रकूट स्थित यह पर्णकुटी मंदाकिनी नदी के बिल्कुल तट पर है। जैसे ही आप पर्णकुटी से बाहर देखेंगे आपको राम घाट दिखाई देगा। मान्यता है कि इसी घाट पर प्रभु राम स्नान किया करते थे, इसी वजह से इसका नाम राम घाट है। हर अमावस्या को बड़ी संख्या में श्रद्धालु इसी घाट में स्नान करते हैं। उसके बाद प्रभु श्रीराम के दर्शन करते हैं। जानकारों का यह भी कहना है कि चित्रकूट में भगवान श्रीराम की कुल 24 कुटियां थीं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण स्थान पर्णकुटी को माना जाता है।

आदि शेषनाग और लक्ष्मण जी की प्रतिमा
कैसे पहुंचें चित्रकूट 

चित्रकूट पहुंचने के लिए सतना सबसे निकटतम शहर है। वहां से टैक्सी से भी पहुंचा जा सकता है। अगर ट्रेन से जाना है तो चित्रकूटधाम कर्वी रेलवे स्टेशन सबसे पास है, वहां से राम घाट करीब 10 किलोमीटर है।

अगर आपको यह स्टोरी पसंद आई हो तो शेयर जरूर करें और इसी तरह की अन्य स्टोरीज पढ़ने के लिए जुड़े रहें आपकी अपनी वेबसाइट पाञ्चजन्य के साथ।  

Topics: पर्णकुटी चित्रकूटप्रभु राम का वनवास कालचित्रकूट में प्रभु रामPanchjanya in Chitrakootचित्रकूट समाचारParankutiChitrakoot NewsParankuti Chitrakootराम मंदिरLord Ram exile periodRam templePrabhu Ram in Chitrakootmanasचित्रकूट में पाञ्चजन्यपर्णकुटी
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

छत्रपति शिवाजी महाराज

धर्म, स्वराज्य और सांस्कृतिक पुनर्जागरण के प्रतीक: शिवाजी महाराज

Ram Darbar Pran Pratishtha

अभिजीत मुहूर्त में हुई “राम दरबार” की प्राण-प्रतिष्ठा

अयोध्या में निकलती कलश यात्रा

कलश यात्रा की आभा से दमकी अयोध्या

Ayodhya Ram Mandir Aniversary

“प्राण प्रतिष्ठा” शब्द सुनकर अयोध्या न आएं, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने की अपील

मोहम्मद खान ने सनातन धर्म अपनाकर हिन्दू रीति-रिवाज से किया विवाह

घर वापसी: पहलगाम आतंकी हमले से आहत मोहम्मद खान ने की घर वापसी, अपनाया सनातन धर्म

सिद्धं कैलीग्राफी की अद्भुत दुनिया : गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में भव्य प्रदर्शनी का शुभारंभ!

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट ने RSS और PM मोदी पर अपमानजनक कार्टून मामले में दिखाई सख्ती, कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय की जमानत खारिज

सरदार फौजा सिंह

Turban Tornado: विश्व के सबसे उम्रदराज एथलीट फौजा सिंह का सड़क हादसे में निधन, 100 साल की उम्र में बनाए 8 रिकॉर्ड

क्या आप मेथी दाना खाने के ये फायदे जानते हैं?

समोसा, पकौड़े और जलेबी सेहत के लिए हानिकारक

समोसा, पकौड़े, जलेबी सेहत के लिए हानिकारक, लिखी जाएगी सिगरेट-तम्बाकू जैसी चेतावनी

निमिषा प्रिया

निमिषा प्रिया की फांसी टालने का भारत सरकार ने यमन से किया आग्रह

bullet trtain

अब मुंबई से अहमदाबाद के बीच नहीं चलेगी बुलेट ट्रेन? पीआईबी फैक्ट चेक में सामने आया सच

तिलक, कलावा और झूठी पहचान! : ‘शिव’ बनकर ‘नावेद’ ने किया यौन शोषण, ब्लैकमेल कर मुसलमान बनाना चाहता था आरोपी

श्रावस्ती में भी छांगुर नेटवर्क! झाड़-फूंक से सिराजुद्दीन ने बनाया साम्राज्य, मदरसा बना अड्डा- कहां गईं 300 छात्राएं..?

लोकतंत्र की डफली, अराजकता का राग

उत्तराखंड में पकड़े गए फर्जी साधु

Operation Kalanemi: ऑपरेशन कालनेमि सिर्फ उत्तराखंड तक ही क्‍यों, छद्म वेषधारी कहीं भी हों पकड़े जाने चाहिए

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies