गांधीनगर। गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के मैंनेजिंग डायरेक्टर मिलिंद तोरवने ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि 11 जनवरी को महात्मा मंदिर के सेमिनार हॉल 9 में ‘ई-कॉमर्स: बिजनेस ऐट फिंगरटिप्स’ विषय पर एक सेमिनार आयोजित किया जाएगा। सेमिनार तीन सत्रों में होगा।
इसमें उद्घाटन सत्र के दौरान गुजरात सरकार के उद्योग राज्य मंत्री हर्ष संघवी, केन्द्र सरकार के सरकारी ई-मार्केटप्लेस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशांत कुमार सिंह, उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के संयुक्त सचिव संजीव, सोम प्रकाश (आईएएस) (सेवानिवृत्त) और ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स के मुख्य व्यवसाय अधिकारी शिरीष जोशी शामिल रहेंगे और सभा को संबोधित करेंगे।
सेमिनार के बारे में बताया कि पहले पैनल सत्र के अंतर्गत ‘टेकगार्ड मेस्ट्रोस – फोर्टीफाइंग द फ्यूचर’ विषय पर चर्चा का आयोजन किया जाएगा। अस्तित्व वेलफेयर फाउंडेशन के संस्थापक और निदेशक पंकज मॉल इसका संचालन करेंगे। वहीं इस चर्चा के लिए पैनलिस्ट में उत्तर प्रदेश सरकार में साइबर अपराध के पुलिस अधीक्षक त्रिवेणी सिंह, जंगलवर्क्स के सीईओ/संस्थापक समर सिंगला, इंफीबीम एवेन्यूज लिमिटेड के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर विशाल मेहता और स्टेट बैंक ऑफ ऑपरेशंस सपोर्ट सर्विसेस के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी प्रतीक सक्सेना शामिल रहेंगे। यह सत्र ई-कॉमर्स की बेहतरी के लिए नवाचार और डिजिटलीकरण पर केंद्रित होगा और ई-कॉमर्स का भविष्य, एआई की भूमिका, क्रॉस-बॉर्डर पॉलिसी इकोसिस्टम, वैश्विक रुझान, साइबर सुरक्षा, डिजिटल प्लेटफॉर्म और अनुपालन इस चर्चा के केंद्र में होंगे।
दूसरा सत्र ‘बेनिफिट्स 4 यू – इन्क्लूज़न ऑफ ग्रासरूट्स’ का संचालन अर्न्स्ट एंड यंग एलएलपी के पार्टनर डॉ. सत्यम शिवम सुंदरम द्वारा किया जाएगा। इस सत्र के लिए पैनलिस्ट्स में ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) के प्रेसिडेंट और मुख्य व्यवसाय अधिकारी शिरीष जोशी, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में प्रोग्राम डायरेक्टर अभिजीत सिन्हा, अस्तित्व वेलफेयर फाउंडेशन के संस्थापक और निदेशक पंकज मॉल, सरकारी ई-मार्केटप्लेस में एडिशनल सीईओ और चीफ़ बायर ऑफिसर-स्टेट्स वाई. के. पाठक, और भारत सरकार के संचार मंत्रालय में डाक विभाग में मुख्य पोस्टमास्टर जनरल गणेश वी. सवालेश्वरका शामिल रहेंगे। सत्र में ई-कॉमर्स के एकीकरण और मूल्य श्रृंखला (फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंकेज), फिनटेक, एमएसएमई, उद्यमियों, एफपीसीएस, एसएचजीएस, छोटे क्रेता और विक्रेता की भूमिका पर ध्यान देने के साथ ई-कॉमर्स की जमीनी स्तर की गतिशीलता, कार्यान्वयन और प्रभाव पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
मिलिंद तोरावणे ने बताया कि डोमेस्टिक इकोनॉमी के प्रोग्रेसिव डिजिटलाइजेश से सृजित होने वाले अवसरों से हितधारकों को पूरी तरह से लाभ उठाने में सक्षम बनाना, और हमारी अर्थव्यवस्था के क्षेत्रों को मुख्यधारा में लाना इस सेमिनार का प्रमुख उद्देश्य है। साथ ही, मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएस) और ड्राफ्ट ई-कॉमर्स पॉलिसी जैसी पहलों के माध्यम से भारतीय बाजार में डोमेस्टिक प्लेयर्स को डिजिटल इकोनॉमी में खुद को बनाए रखने और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों, स्टार्ट-अप और व्यापारियों की भागीदारी को प्रोत्साहित करने में सक्षम बनाना भी इस चर्चा के मुख्य उद्देश्य हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि, ई-कॉमर्स और डिजिटलीकरण पर केंद्र सरकार के प्रोत्साहन के अनुरूप, गुजरात ने राज्य में ई-कॉमर्स निवेश और अपनाने को बढ़ाने के लिए कई उल्लेखनीय उपाय किए हैं। गुजरात में कपड़ा उद्योग के विकास को आगे बढ़ाने के लिए, अप्रैल 2023 में, माननीय मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने कारीगर बुनकरों के लिए एक ऑनलाइन ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म इंडियाहैंडमेड डॉट कॉम लॉन्च किया है।
ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट ने अपने फ्लिपकार्ट समर्थ कार्यक्रम के तहत कुटीर एवं ग्रामीण उद्योग आयुक्त कार्यालय के साथ एक समझौता ज्ञापन के माध्यम से गुजरात सरकार के साथ साझेदारी की है। इस मेल-जोल का उद्देश्य स्थानीय व्यवसायों को डिजिटलाइज़ करना है जो राज्य के हर जिले में शिल्प के विकास पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इतना ही नहीं, गुजरात ने अमेज़न ग्लोबल सेलिंग नामक ई-कॉमर्स निर्यात कार्यक्रम के माध्यम अमेज़न कंपनी के साथ भी साझेदारी की है। इससे स्थानीय व्यवसायों को 200 से अधिक देशों और अलग-अलग क्षेत्रों में करोड़ों अमेज़न ग्राहकों को अपने ‘मेड इन इंडिया’ उत्पाद बेचने में मदद मिलेगी।
उन्होंने आगे कहा कि ई-कॉमर्स पर यह सत्र ई-कॉमर्स क्षेत्र में प्रौद्योगिकी की भूमिका और बड़े व्यवसायों पर इसके प्रभाव और जमीनी स्तर के समावेशन पर विचार-विमर्श करेगा। साथ ही यह भारत में ई-कॉमर्स के भविष्य को आकार देने और विकसित भारत@2047 की यात्रा में योगदान देने में दिशा सूचक का काम करेगा। उन्होंने सभी संबंधित हितधारकों, उद्योग विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं को सत्र में शामिल होने के लिए निमंत्रित करते हुए वक्तव्य का समापन किया।
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