ज्ञानवापी : श्रृंगार गौरी मामले में वाराणसी जनपद न्यायालय के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में एएसआई ने आज (बुधवार) चार हफ्ते का और समय मांगा है। एएसआई ने कहा है कि गत दिनों उच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा है कि यदि आवश्यकता हो तो जनपद न्यायालय एएसआई को आगे सर्वे के लिए आदेश दे सकता है। वर्ष 1991 के मुकदमे में रकबा नंबर 9131 एवं 9132 का अभी सर्वे करना शेष रह गया है। इसलिए एएसआई की सर्वे रिपोर्ट जो कुछ समय पहले न्यायालय में दाखिल की गई थी। उस रिपोर्ट को अभी पक्षकारों को न सौंपा जाये।” हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया कि आज मुस्लिम पक्षाकारों की तरफ से न्यायालय में उनका पक्ष नहीं रखा जा सका इसलिए कल 4 जनवरी को फिर से जिला जज के न्यायालय में सुनवाई होगी। फिलहाल एएसआई ने चार सप्ताह का और समय मांगा है।”
उल्लेखनीय है कि दो सील बंद लिफाफा एएसआई ( भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ) द्वारा 18 दिसंबर 2023 को दाखिल किया गया था। मुस्लिम पक्ष द्वारा एएसआई की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने को लेकर आपत्ति दर्ज कराई गई थी। हिंदू पक्ष ने सर्वे रिपोर्ट की प्रति को कोर्ट द्वारा दिए जाने की अनुमति मांगी थी। जनपद न्यायालय ने 3 जनवरी की तारीख तय की थी। वहीं मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट से मांग की थी कि शपथ पत्र लेकर ही रिपोर्ट हिंदू पक्ष को दिया जाए। रिपोर्ट को लेकर मीडिया कवरेज पर भी रोक लगाने को लेकर मांग रखी गई थी।
गत 18 दिसंबर को हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया था कि एएसआई द्वारा रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में कोर्ट में दाखिल की गई है। रिपोर्ट को देने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट सबमिट करना उचित नहीं है। एएसआई ने ज्ञानवापी परिसर का जीपीआर, फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी समेत अन्य कई वैज्ञानिक तकनीक से सर्वे किया है। रिपोर्ट में परिसर, कलाकृतियों, मूर्तियों, दीवारों, स्थल के बनावट, तहखानों को लेकर एएसआई ने रिपोर्ट तैयार किया है। 250 से ज्यादा साक्ष्यों को इकट्ठा किया गया हैं। जिसे जिलाधिकारी की निगरानी में लॉकर में रखा गया है।
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