भारत सरकर लगातार पूर्वोत्तर भारत में शांति स्थापित करने की कोशिशें लगातार कर रही है। कई सालों से उल्फा के उग्रवादियों और सशस्त्र बलों के बीच हिंसक चल रहा था, जिसका अब अंत हुआ। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की पहल पर भारत सरकार और उल्फा के बीच आज (शुक्रवार, 20 दिसंबर 2023) शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। इस मौके पर खुद गृहमंत्री अमित शाह मौजूद रहेंगे।
यह समझौता आज शाम 5 बजे दिल्ली स्थित नार्थ ब्लॉक में होगा, जहां भारत सरकार, असम सरकार और यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के बीच समझौते के ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। पूर्वोत्तर को हिंसा मुक्त करने के लिए बीते एक साल से भारत सरकार लगातार उल्फा से बातचीत कर रही थी। लेकिन, अब जाकर ये कोशिश सफल हो सकी।
क्या होगा समझौते का असर
गौरतलब है कि वर्ष 1979 में संप्रभु असम की मांग को लेकर गठित हुए उल्फा संगठन ने असम समेत कई राज्यों में हिंसा फैला रखी थी। लेकिन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की सक्रियता से इसका अंत होने जा रहा है। इस समझौते के साथ ही उल्फा के हजारों कैडर आत्म समर्पण करेंगे और विकास की मुख्य धारा में शामिल होंगे। उल्फा के राजखोवा गुट के दो लीडर अनूप चेतिया और शशधर चौधरी नई दिल्ली में सरकारी वार्ताकारों के संपर्क में थे। दोनों पक्षों के बीच कई दौर की चर्चा के बाद ये समझौता होने जा रहा है। इंटेलीजेंस ब्यूरो के निदेशक तपन डेका और पूर्वोत्तर मामलों पर सरकार के सलाहकार एके मिश्रा ने सरकार की तरफ से संगठन के नेताओं से चर्चा की थी।
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