इजरायल हमास के बीच चल रहे युद्ध के कारण दुनियाभर में इस्लामिक कट्टरपंथ तेजी से बढ़ता जा रहा है। इसको लेकर अमेरिका ने तो कई बार चेतावनियां दे चुका है। खास बात ये है कि इस्लामिक कट्टरता बढ़ाने में कट्टरपंथियों की मदद कर रहा है चीन। चीन का सोशल मीडिया प्लेटफॉ़र्म है टिक कॉक। टिक टॉक लगातार इस्लामिक कट्टरपंथी विचारधारा को अपने प्लेटफॉर्म प्रमोट कर रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, टिक टॉक पर इजरायल और अमेरिका व गैर मुस्लिमों के खिलाफ लगातार जहर फैलाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसके जरिए इस्लाम का महिमामंडन करके लोगों का ब्रेन वॉश किया जा है। इन वीडियोज को लाखों बार देखा गया है। हमास और इजरायल युद्ध के बारे में अपडेट के लिए लोग तेजी से टिक टॉक की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। जिस तरह से आतंकी हमास को गाजा में इजरायल ने मारा है। हमास और फिलिस्तीन के प्रति संवेदनाएं बढ़ती जा रही है।
इसका असर ये हो रहा है कि टिकटॉक ने अपने प्लेटफॉर्म पर कुरान के बारे में पोस्ट, लाइवस्ट्रीम और चर्चाओं को जगह दी है। कई लोग गाजा में लोगों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए इस्लाम अपना रहे हैं। टिकटॉक एनालिटिक्स से पता चलता है कि हैशटैग #इस्लाम ने अक्टूबर की शुरुआत से तेजी से लोकप्रियता हासिल की है। हैशटैग का उपयोग करने वाले वीडियो को वैश्विक स्तर पर 35 बिलियन से अधिक बार देखा गया। अमेरिका में एक बिलियन बार और कनाडा में 360 मिलियन बार देखा गया। इसमें से अधिकतर 18-24 साल क आयु के बीच थे।
खास बात ये है कि टिकटॉक ‘अल्लाह हु अकबर’, अलहमदुल्ललिल्लाह जैसे शब्दों का कई बार इस्तेमाल किया गया है। टिकटॉक ने भी इन शब्दों को तेजी से प्रमोट किया है।
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