पाञ्चजन्य सागर मंथन सुशासन संवाद 2.0: आयात कम करना और निर्यात बढ़ाना ही राष्ट्रभक्ति है: नितिन गडकरी
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

पाञ्चजन्य सागर मंथन सुशासन संवाद 2.0: आयात कम करना और निर्यात बढ़ाना ही राष्ट्रभक्ति है: नितिन गडकरी

भारत के 4.5 लाख गांवों तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क रोजगार योजना के तहत सड़कें बनी हैं। इस कारण गांवों तक विकास पहुंचा, विद्यालय बने, आवागमन सुगम हुआ और विकास को नई गति मिली। यही तो सुशासन है।

by Kuldeep singh
Dec 24, 2023, 12:15 pm IST
in भारत, गोवा
Nitin Gadkari Panchjnay Sagar manthan Samvad 2.0

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

पाञ्चजन्य के सागर मंथन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हमें भारत को विश्व में शांति स्थापित करने के लिए आर्थिक और के साथ ही रक्षा क्षेत्र में सामर्थ्यवान बनना है। उन्होंने कहा कि समाज के अंतिम व्यक्ति के कल्याण के लिए, उनके जूवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए हर बेघर को घर दिलाने के लिए, हर भूखे को रोटी खिलाने के लिए जो कुछ किया जा रहा है, वही सच्चा राष्ट्रवाद है, वहीं राष्ट्रभक्ति है। उन्होंने सुशासन के सूत्रधार और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई को अपना आदर्श बताया और कहा कि उनकी सोच और दृष्टि के कारण आज ही भारत के 4.5 लाख गांवों तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क रोजगार योजना के तहत सड़कें बनी हैं। इस कारण गांवों तक विकास पहुंचा, विद्यालय बने, आवागमन सुगम हुआ और विकास को नई गति मिली। यही तो सुशासन है।

हमारे राष्ट्र को सुखी और समृद्ध बनाने के लिए प्रधानमंत्री ने ये तय किया है कि अगले पांच साल के अंदर हम विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगें। अटल बिहार वाजपेई प्रखर राष्ट्रवादी थे। इस देश के विकास के लिए हमारा माडल ही सबसे अच्छा है। 1947 में भारत स्वतंत्र होने के बाद आज अमृत महोत्सव हो रहा है। लेकिन देश की आजादी के बाद किस तरह से उस दौरान की राजनीतिक पार्टियों ने क्या किया, उसका मूल्यांकन आवश्यक है। कांग्रेस की स्थापना महात्मा गांधी के विचारों पर हुई और बाद में पंडित नेहरू ने लोकतंत्र और समाजवाद को मिलाकर अपनी नीतियों को लागू किया। इसका असर ये हुआ कि देश में विदेशी कंपनियों की अधिकता हुई। लेकिन उनका ये मॉडल पूरी तरह से फेल रहा।

नितिन गडकरी कहते हैं, “दूसरा विचार समाजवाद की व्यवस्था है। डॉ राम मनोहर लोहिया ने इसके लिए काम किया। तीसरी पार्टी लिबरल इकोनोमी सत्ता में आई और वो अमेरिका की पूंजीवादी अर्थव्यवस्था के रूप में अस्तित्व में आई। कम्युनिस्ट विचारधारा का स्त्रोत रूस और चीन में था। कई लोग खुद को बहुत गर्व से कम्यनिस्ट कहते थे। लेकिन आज कम्युनिस्ट पार्टी की विचारधारा पूरी तरह से फेल रही। समाजवादी पार्टी की हालत ‘दिल के टुकड़े हुए हजार कोई इधर गिरा और कोई उधर गिरा।’ जबकि कांग्रेस तो ‘कन्फ्यूज’ पार्टी है। सागर मंथन संवाद से भविष्य की तकनीक, भविष्य की योजना इस मंथन से निकलेगी। समाज का विकास तभी होगा, जब हम अपने गरीबों का उत्थान करेंगे। पूरे विश्व में राष्ट्रवाद की विचारधारा को जगाने के लिए हमें एथिक्स, इकोनोमी और इकोलोजी और एनवायरमेंट को प्रोटेक्ट करके, हमें विकास में आगे निकलना है। हमारी जीडीपी में 12 से 14 प्रतिशत कृषि से आती है। गांवों से करीब 30 फीसदी लोगों ने रोजगार के लिए शहरों का रुख किया है। गांव गरीब और किसान कल्याण करना है तो जल जमीन और जंगल को प्रोटेक्ट करना है।”

नागपुर में हम गिर गायों को पालने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। क्योंकि इनका दुग्ध उत्पादन करीब 30 से 40 लीटर का है। नागपुर में 10000 किसानों ने आत्महत्या की। लेकिन किसानों की आत्महत्या को रोकने के लिए हम नागपुर में गोट फॉर्मिंग की तरह ही काऊ फॉर्मिंग को प्रोत्साहित कर रहे हैं। डॉ हेडगेवार जी ने कहा था कि हमारा देश स्वराज्य होना चाहिए। हमारी सामाजिक व्यवस्था का केंद्र बिन्दु व्यक्ति है और व्यक्ति मिलकर ही समाज का निर्माण होता है। इसी विचारधारा के आधार पर आरएसएस की स्थापना हुई थी। आज पूरे विश्व में आयुर्वेद, पंचकर्म और योग बहुत ही बढ़ा है। इसी को हम हिन्दू जीवन पद्धति है। हमारी भारतीय संस्कृति कहती है पूरे विश्व का कल्याण हो। सुप्रीम कोर्ट ने भी हिन्दू धर्म को वे ऑफ लाइफ माना है।

सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर पर बात करते हुए गडकरी ने कहा, “आज हमें मौका मिला है तो हमने गोवा में 25000 करोड़ खर्च किए हैं, मुंबई में 55 उड़ान पुल बनाए हैं। मेरे पास पैसे की कमी नहीं है। मुंबई पूना हाईवे पीपीटी इन्वेस्टमेंट से बना। हिन्दुस्तान के इतिहास में यही सुशासन है। गांवों को जोड़ने वाली योजना तैयार करो ये अटल बिहार वाजपेयी ने कहा था। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क रोजगार योजना के तहत काम करने का सौभाग्य मिला। हमने इस योजना के तहत 6.5 लाख किलोमीटर रोड बनाई। यही सच्चा सुशासन है।”

आयात कम करने की आवश्यकता

केंद्रीय मंत्री ने आयात पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि देश में आयात 16 लाख करोड़ का है। अगर इंपोर्ट बंद होगा ये पैसा देश के विकास में लगेगा। मेरा मकसद पेट्रोल डीजल वालों का बैंड बजाना है। किसान शुगर, ब्रोकन राइस, पराली आदि से इथेनॉल बना रहे हैं। ये पूरी तरह से प्रदूषण रहित है। इथेनॉल बेस्ड इकोनोमी होनी चाहिए। मेरे पास हाईड्रोजन चालित कार है, जिसका नाम है मिराई। भारत दुनिया का नंबर वन देश है जो कि इलेक्ट्रोलाइजर का सबसे ज्यादा उत्पादन करता है। इससे हाइड्रोजन बनता है। टाटा और लैलैंड ने अपने गाड़ियों में हाइड्रोजन डाल रहे हैं। इंपोर्ट को कम करना, एक्सपोर्ट को बढ़ाना और रोजगार बढ़ाना ही राष्ट्रवाद है। आटोमोबाइल इंडस्ट्री 2.5 लाख करोड़ की है। हम देश को सबसे ज्यादा राजस्व देते हैं। मैं विश्वास दिलाता हूं कि सुशासन और आत्मनिर्भर भारत के जरिए हम विश्व की नंबर वन आटोमोबाइल इंडस्ट्री बनेंगे।”

गोवा में शिपयार्ड है जब मैं शिपिंग मंत्री था तो मेरा सपना था कि लोग रोड की जगह वाटर टैक्सी का इस्तेमाल करें। इसके लिए हमने काफी काम किया है। तकनीक का इस्तेमाल करके सस्टेनेबल डेलवमेंट करके इकोनोमी और इकोलॉजी का विकास किया है। ढोलेरा में 25000 टन कचरा सेग्रिगेट करते सड़क में डाल दिया। हमने हिमाचल में 200 किलो के ड्रोन को टेस्ट किया है। इसके जरिए हम पहाड़ों के ऊपर से सेबों को नीचे लाते हैं। इससे कॉस्ट कम हो रही है। दो साल के अंदर पेट्रोल और डीजल की गाड़ियां इलेक्ट्रिक होंगी।

सामर्थ्यवान व्यक्ति ही समाज में शांति लाना है। लेकिन हमें दूसरी जमीन पर कब्जा नहीं करना है। भागवान श्रीकृष्ण ने कहा था कि मैं सज्जनों की क्षा करने औऱ दुष्टों का अंत करने के लिए अवतार लेता हूं। हमें दुनिया में शांति लाने के लिए सामर्थ्यवान बनना पड़ेगा।

Topics: Smriti Iraniपांञ्चजन्य सागर मंथन सुशासन संवादस्मृति ईरानीजनरल वीके सिंहGeneral VK Singhpramod sawantप्रमोद सावंतनितिन गडकरीPanchjanya Sagar manthan SamvadNitin GadkariSagar manthan samvad#panchjanyaGoa news in hindiगोवासागर मंथन संवादपाञ्चजन्यगोवा हिन्दी न्यूज
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

उत्तराखंड : केन्द्रीय मंत्री गडकरी से मिले सीएम धामी, सड़कों के लिए बजट देने का किया आग्रह

गोवा : धार्मिक लैराई जात्रा के दौरान भगदड़, 6 की मौत, 15 घायल, प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री सावंत से की बात

कार्यालय केवल भवन नहीं, कार्य का आलय होना चाहिए : डॉ. मोहनराव भागवत जी

‘विजन 2047: समृद्ध और महान भारत’ : स्वदेशी जागरण मंच करने जा रहा ऐतिहासिक आयोजन, जानिए पूरे कार्यक्रम की रुपरेखा

वक्फ संशोधन विधेयक : तुष्टीकरण की राजनीति पर संवैधानिक अंकुश

राज कुमार भाटिया को प्रदान किया गया प्रो. देवेन्द्र स्वरूप सम्मान

राज कुमार भाटिया को मिला पहला प्रो. देवेन्द्र स्वरूप सम्मान

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

देशभर के सभी एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट : सभी यात्रियों की होगी अतिरिक्त जांच, विज़िटर बैन और ट्रैवल एडवाइजरी जारी

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies