देहरादून। केदारनाथ धाम तक जाने वाला पुराना पैदल मार्ग एक बार फिर से तैयार कराया जा रहा है। केदारनाथ में आई प्रलय के दौरान रामबाड़ा से गरुड़ चट्टी तक यह मार्ग बह गया था। नया मार्ग जब बनाया गया उसके बाद केदारनाथ की पैदल यात्रा करीब 21 किलोमीटर की हो गई थी। वहीं पुराना पैदल मार्ग फिर से बनने से दूरी करीब ढाई किलोमीटर कम हो जाएगी।
जानकारी के मुताबिक पुराने मार्ग को दुरुस्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशेष रूप से रुचि ले रहे थे। गरुड़ चट्टी से केदारनाथ करीब तीन किमी का मार्ग 2017 में ही ठीक कर लिया गया था, ये वो मार्ग है जहां से पीएम मोदी अपने साधना काल में रोजाना बाबा केदार के दर्शन के लिए आते-जाते थे।
गरुड़ चट्टी से रामबाड़ा का मार्ग ठीक करने में बहुत ही दिक्कत आ रही थी, अब इसके लिए वन विभाग से 0.983 हेक्टेयर जमीन मांगी गई थी, जिसे अब वन विभाग और केंद्रीय एजेंसियों राज्य और राष्ट्रीय वाइल्ड लाइफ बोर्ड ने अनुमति प्रदान कर दी है। दरअसल ये वन क्षेत्र केदारनाथ वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी का हिस्सा है। इसलिए इसकी सारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद एनओसी दे दी गई है।
जानकारी के मुताबिक पूर्व में बने पैदल मार्ग 6.750 से 12.10 किमी यानि करीब पांच किमी पैदल मार्ग को फिर से ठीक किया जा रहा है। राज्य की पुष्कर धामी सरकार ने इस मार्ग की अनुमति के लिए,राज्य की तरफ से केंद्र को प्रस्ताव भेज कर लगातार पैरवी की जिसके बाद अनुमति मिल पाई है। सरकार अब इस पर अपना काम शुरू कर रही है। ऐसा माना जा रहा है कि अगले यात्रा सीजन में तीर्थयात्रियों के लिए पुराना परम्परागत मार्ग बनकर तैयार हो जाएगा।
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