मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उज्जैन में रात बिताकर वर्षों पुराना मिथक तोड़ दिया है। दरअसल उज्जैन में एक मिथक था कि वहां कोई भी राजा रात में रुक नहीं सकता, क्योंकि उज्जैन के राजा महाकाल हैं। इसलिए देश का कोई भी नेता वहां रात को नहीं रुकता था। अब सीएम मोहन यादव ने इस मिथक को तोड़ते हुए कहा है कि मैं भगवान महाकाल का बेटा हूं, मैं यहां रुक सकता हूं। महाकाल तो पूरे ब्रह्मांड के राजा हैं।
सीएम मोहन यादव ने रात में उज्जैन में न रुकने वाली कहानी के पीछे एक वाकया बताया। उन्होंने कहा कि सिंधिया महाराज को एक रणनीति के तहत अपनी राजधानी को ग्वालियर ले जाना था और कोई आक्रमण न हो, इसलिए यह मिथक गढ़ा था। सीएम मोहन ने कहा कि बाबा महाकाल को अगर नुकसान ही करना होगा तो कहीं भी कर सकते हैं। महाकाल केवल नगर निगम सीमा के राजा थोड़ी हैं, वह पूरे ब्रह्मांड के राजा हैं। बाबा महाकाल की इच्छा थी तो मुझे सीएम बनाया गया और कहा कि तुम यहां मिथक तोड़ो।
एक सभा को संबोधित करते हुए सीएम ने बताया कि 1852 में दौलत राव सिंधिया के समय में राजधानी यहां से गई तो उन्होंने समीकरण बनाए। उन्होंने कह दिया कि यहां पर राजा रात में नहीं रहेगा, वर्ना सब निपट जाएगा तो कोई आएगा ही नहीं दूसरा कब्जा करने के लिए यहां। उसके बाद हम लोग जाने अनजाने में ये बात मानने लगे कि राजा रात में नहीं रुकेगा।
क्या था मिथक?
माना जाता है कि उज्जैन के राजा भगवान महाकालेश्वर यानि बाबा महाकाल हैं। इसलिए अब तक कोई भी राजा उज्जैन में रात में नहीं ठहरता था। कहते थे कि एक शहर में दो राजा नहीं ठहर सकते हैं। अगर कोई भी राजा, मंत्री या नेता अगर यहां रात में रुकता है तो उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है।
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