ज्ञानवापी प्रकरण से संबंधित एक और मुकदमा आज न्यायालय में दाखिल हुआ। श्री नंदी महाराज विराजमान प्रति यूनियन ऑफ इंडिया व अन्य की नाम से न्यायालय में वाद योजित किया गया है। लखनऊ की रहने वाली आकांक्षा तिवारी व चार अन्य लोगों द्वारा वाद न्यायालय में दायर किया गया है। ज्ञानवापी प्रकरण से संबंधित यह वाद सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में प्रस्तुत किया गया है। इस वाद में मांग की गई है कि भगवान नंदी महाराज कथित मस्जिद के बाहर सदियों से प्रतिक्षित हैं। खसरा नंबर 9130 में अवस्थित कथित ज्ञानवापी मस्जिद से मुक्ति कर भगवान आदि विशेश्वर से नंदी महाराज से साक्षात्कार कराया जाए।
उल्लेखनीय है कि ज्ञानवापी प्रकरण में सर्वे का जो वाद दायर किया था। उसमें सुनवाई पूरी होने के बाद न्यायालय ने एएसआई सर्वे का आदेश दिया था। न्यायालय के आदेश पर ज्ञानवापी परिसर का एएसआई ने सर्वे कर लिया है। एएसआई को अपनी सर्वे रिपोर्ट न्यायालय में दाखिल करनी है। फिलहाल एएसआई ने न्यायालय से रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कुछ और समय की मोहलत मांगी है। बता दें कि ज्ञानवापी स्थित सील वजूखाने को छोड़कर शेष अन्य हिस्से का सर्वे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम ने सर्वे किया है। रडार व कॉर्बन डेटिंग तकनीक का प्रयोग किया गया है।
35 से अधिक सदस्यों द्वारा ज्ञानवापी परिसर का सर्वे किया किया गया। आठ बिंदुओं पर सर्वे की रिपोर्ट तैयार की गई है। पहले बिंदु में वैज्ञानिक जांच में देखा गया है कि क्या ढांचे का निर्माण पहले से मौजूद मंदिर की संरचना के ऊपर किया गया था। दूसरे बिंदु में पश्चिमी दीवार की उम्र और प्रकृति की जांच की गई है। तीसरे बिंदु में अंदर मिली कलाकृतियों को सूचीबद्ध किया गया है। इन सभी की वैज्ञानिक जांच की गई है। तीनों गुम्बदों के नीचे सर्वे किया गया है। इमारत की उम्र और निर्माण की प्रकृति को लेकर भी सर्वे किया गया है। हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन ने बताया कि ज्ञानवापी प्रकरण में आज एक और नया वाद आकांक्षा तिवारी की ओर से संस्थित किया गया है।
टिप्पणियाँ