अयोध्या। भव्य मंदिर में भगवान श्री राम के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा से पहले अलग-अलग जगहों से श्रद्धालु सामग्री लेकर अयोध्या पहुंच रहे हैं। इसी क्रम में शनिवार (16 दिसंबर, 2024) को उत्तर प्रदेश के हाथरस से राम लला को समर्पित करने के लिए 56 भोग गुलाब के फूलों से बना इत्र कारसेवक पुरम पहुंचा।
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रामलला को समर्पित करने के लिए ये इत्र हाथरस से लाया गया है। ये इत्र भगवान श्री राम के चरणों में अर्पित करने के लिए भाजपा नेता और हाथरस के नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष आशीष शर्मा गिरिराज मित्र मंडल के साथ कारसेवकपुरम पहुंचे। इस दौरान उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष चंपत राय से मुलाकात की और उन्हें गुलाब के फूल से बने इत्र को सौंपा। इस मौके पर पाञ्चजन्य से बात करते हुए उन्होंने इत्र के बारे में बताया, “हाथरस के शुद्ध गुलाब के फूलों से ये इत्र बनाया गया है। एक होता है इत्र, लेकिन हम जो लेकर आए हैं, ये इत्र से भी ऊपर होता है उसका अर्क, जिसे रूह भी कहा जाता है।” उन्होंने कहा, “हमने भगवान श्री राम के चरणों में इत्र को समर्पित करने के लिए गुलाब के फूलों को जैविक खेती के जरिए उगाया है। इस इत्र को बनाने में कुल छह माह का समय लगा है।”
इससे पहले आया था 600 किलो घी
22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा में नए मंदिर में भगवान रामलला की पहली आरती के लिए राजस्थान के जोधपुर से 650 किलो शुद्ध देसी घी भी अयोध्या पहुंच गया है। खास बात रही कि ये घी न ही ट्रेन से आया है और न ही बस या कार से आया, बल्कि यह रथ यानी की बैलगाड़ी से अयोध्या तक लाया गया। अयोध्या में इसे कारसेवपुरम लाया गया। यहां इसे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंपा गया। घी के साथ ही 108 शिवलिंग भी इन्हीं रथों से लाए गए।
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