दिल्ली के जंतर मंतर पर भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, स्वास्थ्यकर्मी और मिड डे मील वर्कर्स ने मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर विशाल धरना प्रदर्शन किया। इसमें कई राज्यों के कर्मचारियों ने सरकार से अपने मानदेय को बढ़ाने की मांग की। इन कार्यकर्ताओं का आरोप है कि वो बहुत ही कम पेमेंट पर कई सालों से काम कर रही हैं।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि देश में महंगाई बढ़ी है, लेकिन कम मानदेय मिलने के कारण जीवनयापन में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ये प्रदर्शन अखिल भारतीय आंगनवाड़ी कर्मचारी संघ, अखिल भारतीय स्वास्थ्य और एचएम कर्मचारी महासंघ, अखिल भारतीय मिडडे मील कार्यकर्ता समन्वय समिति की ओर से ये प्रदर्शन किए गए।
इसे भी पढ़ें: केरल: SFI कार्यकर्ताओं का दुस्साहस, राज्यपाल की गाड़ी को मारी टक्कर, गवर्नर बोले-मुख्यमंत्री ने मुझे मारने की कोशिश की
बता दें कि देशभर में करीब 27 लाख आंगनवाड़ी कर्मी हैं। साल 1975 में समेकित बाल विकास योजना के तहत इनकी शुरुआत हुई थी। इसके अलावा आशा कार्यकर्ता भी हैं, जिनकी देशभर में कुल संख्या करीब 12 लाख है। इनका मुख्य कार्य स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न कार्यों को करना है। आंकड़ों से पता चलता है कि जब से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने काम करना शुरू किया है। तब से जच्चा-बच्चा की मृत्युदरों में कमी आई है। जिस वक्त देश कोरोना से जूझ रहा था, उस दौरान आशा वर्करों ने बहुत ही अच्छा काम किया था। इसकी सराहना पीएम नरेंद्र मोदी और विश्व स्वास्थ्य ने भी की थी।
एनएचएम के तहत देश के सभी राज्यों में डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, 102 और 108 एंबुलेंस ड्राइवर, डाटा एंट्री ऑपरेटर आदि स्वास्थ्य से जुड़ी टीम काम करती है, जिनकी देशभर में कुल संख्या करीब 3.5 लाख है। इन सभी ने प्रदर्शन करके सरकार से अपने मानदेय क बढ़ाने की मांग की। भारतीय मजदूर संघ के तत्वावधान में हुए इस प्रदर्शन में उत्तराखंड, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा समेत कई राज्यों से सभी महिलाएं शामिल हुई हैं।
टिप्पणियाँ