युद्ध कहीं भी हो उसको लेकर एक कथन प्रचलित है और वो कथन ये है कि ‘वॉर इज ए ब्लडी बिजनेस’। युद्ध बहुत ही गंदा बिजनेस है, लेकिन है तो है ही। इजरायल हमास युद्ध के करीब 60 दिन से अधिक बीत चुके हैं। अब युद्ध में ऐसा प्रतीत होता है कि इजरायल को भी हथियारों की कमी महसूस होने लगी है। ऐसे में अब अमेरिका इजरायल को हथियार बेचने जा रहा है। पेंटागन ने कहा कि बाइडेन प्रशासन ने कांग्रेस की समीक्षा के बिना इज़रायल को लगभग 14,000 टैंक गोले की बिक्री की अनुमति देने के लिए एक आपातकालीन प्राधिकरण का उपयोग किया है।
अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के मुताबिक, जो बाइडेन ने अपनी आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए कांग्रेस को बाइपास कर दिया। यूएस स्टेट डिपार्टमेंट ने शुक्रवार को इज़रायल को तत्काल डिलीवरी के लिए 106.5 मिलियन डॉलर मूल्य के टैंक राउंड के लिए ‘शस्त्र निर्यात नियंत्रण अधिनियम’ की आपातकालीन घोषणा का इस्तेमाल किया। रॉयटर्स की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, बाइ़डेन प्रशासन अमेरिकी कांग्रेस से मंजूरी देने के लिए कह रहा है। बड़े पैकेज की कीमत 500 मिलियन डॉलर से अधिक है और इसमें इज़रायल के मर्कावा टैंकों के लिए 45,000 गोले शामिल हैं।
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अमेरिका विदेश विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को कहा कि वाशिंगटन इजरायली सरकार के साथ स्पष्ट है कि उसे अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करना चाहिए और नागरिकों को नुकसान से बचाने के लिए हर संभव कदम उठाना चाहिए। जो हथियार इजरायल को बेचे जाने हैं वो इजरायल की सुरक्षा के प्रति अमेरिका की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। पेंटागन का कहना है कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन का फैसला है कि अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा हितों में टैंक के गोले तुरंत इज़राइल को प्रदान किए जाने चाहिए। उल्लेखनीय है कि जिन गोलों को अमेरिका बेचने जा रहा है वो 120 मिमी M830A1 MPAT टैंक कारतूस और संबंधित उपकरण हैं।
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इज़रायल के मर्कावा टैंकों भी 120 मिमी के गोले का ही इस्तेमाल किया जाता है। इस बीच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इजरायल को अमेरिका द्वारा हथियार बेचने पर चिंता जाहिर की गई है। इन कार्यकर्ताओं का कहना है कि ये डील इजरायल पर नागरिक हताहतों की संख्या को कम करने के लिए दबाव डालने के वाशिंगटन के प्रयास के अनुरूप नहीं है।
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