विश्व की जानी—मानी मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अफगानिस्तान में राज कर रहे तालिबान को उसके अपराधों की सजा देने की एक अपील करके अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को हैरत में डाला हुआ है। अपील इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट से की गई है जिसमें तालिबान के अफगानिस्तान में किए युद्ध अपराधों की जांच करने की मांग की गई है।
एमनेस्टी का कहना है कि तालिबान शासित अफगानिस्तान में महिलाओं को आज भी मुसीबतें झेलनी पड़ रही हैं, उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटकती रहती है, धमकियां दी जाती हैं और उन पर आज भी शारीरिक और मानसिक रूप से बहुत कुछ सहना पड़ रहा है।
इस मानवाधिकार संस्था की अपनी इसी सब बातों को लेकर है कि अफगानिस्तान में आज महिलाओं की जो हालत है उस पर गौर किया जाए। इस गैर सरकारी संगठन ने अभी एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें जूलिया पारसी, मनीजेह सेदिकी, निदा और परीसा आजादा जैसी अनेक महिलाओं को जेल में सहनी पड़ रहीं यातनाओं की तरफ इशारा किया गया है।
इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट से की गई एमनेस्टी की यह अपील इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि अभी तक सभी भी अफगानिस्तान में तालिबान के चाल—चलन की बुराइयां, भर्त्सना तो की थी, लेकिन उसके युद्ध अपराधों की जांच पूरी करके उसे सजा देने की बात किसी ने नहीं की थी।
इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट से की गई एमनेस्टी की यह अपील इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि अभी तक सभी भी अफगानिस्तान में तालिबान के चाल—चलन की बुराइयां, भर्त्सना तो की थी, लेकिन उसके युद्ध अपराधों की जांच पूरी करके उसे सजा देने की बात किसी ने नहीं की थी।
एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट से की गई इस अपील में अनुरोध किया गया है कि तालिबान ने जब अफगानिस्तान में सत्ता कब्जाई, उससे पहले उस देश में उसने तथा दूसरे गुटों ने जो अपराध किए हैं उसके पीड़ित न्याय की गुहार लगा रहे हैं। इसलिए यह जांच जल्दी शुरू की जाए।
अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था के दक्षिण एशिया रिसर्चर जमान सुल्तानी ने इस बारे में बताया है कि इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट से अफगानिस्तान में किए गए युद्ध अपराधों की जल्दी ही जांच पूरी करने और पीड़ितों को न्याय दिलाने की अपील की गई है। यहां बता दें कि इस प्रकार की जांच शुरू हुए करीब एक साल हो चुका है। एमनेस्टी द्वारा यह बताने का आग्रह किया गया है कि वह जांच अभी कहां तक पहुंची है।
अफगानिस्तान की प्रमुख समाचार एजेंसी टोलो न्यूज की इस बारे में दी गई रिपोर्ट बताती है कि उधर तालिबान ने भी इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट में अर्जी डाली है कि वह अफगानिस्तान में दूसरे देशों द्वारा किए युद्ध अपराधों की जांच करे। इस पर तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद का बयान भी आया है। मुजाहिद का कहना है कि ताकतवर देशों ने अफगानिस्तान में युद्ध अपराध किए हैं। लेकिन यह इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट उन्हें तो इसका जिम्मेदार ठहराएगा नहीं, इसलिए तालिबान को इस कोर्ट से उम्मीद नहीं है कि वह ऐसी कोई जांच करेगा। पर अगर वह निष्पक्षता दर्शाता है हमें उससे बात करने में कोई परहेज नहीं है।
अफगान न्यूज एजेंसी का यह भी कहना है कि एमनेस्टी की अपील अफगानिस्तान में आज भी महिलाओं की गिरफ्तारियों और उन पर हो रहे दमन का उल्लेख करती है। इस एनजीओ ने इन चीजों पर पर्याप्त चिंता भी प्रकट की है।
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