“कैश-फॉर-क्वेरी” मामले में तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा की संसद में सदस्यता के खिलाफ ध्वनिमत से प्रस्ताव पारित किया गया। संसद में चली लंबी चर्चा के बीच लोकसभा में ध्वनिमत से टीएमसी सांसद के खिलाफ प्रस्ताव पारित हुआ। इससे उनकी संसद सदस्यता रद्द हो गई है।
उल्लेखनीय है कि मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश करने वाली आचार समिति की रिपोर्ट शुक्रवार को लोकसभा में पेश की गई। भारतीय जनता पार्टी के सांसद और आचार समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार ने आचार समिति की पहली रिपोर्ट (हिंदी और अंग्रेजी संस्करण) सदन के पटल पर रखी। इस रिपोर्ट के विरोध में टीएमसी सांसदों द्वारा “हाय, हाय…” जैसे नारे लगाए गए थे।
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गौरतलब है कि बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे लेकर लोकसभा में सवाल पूछने के आऱोप में संसद की एथिक्स कमेटी ने पिछले महीने प्रस्ताव पारित किया था। महुआ मोइत्रा के खिलाफ प्रस्ताव पर पक्ष में 6 और विपक्ष में 4 वोट पड़े थे। कांग्रेस सांसद परनीत कौर ने प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया।
समिति ने निष्कासन की सिफारिश की थी
पिछले महीने ही एथिक्स कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया था कि महुआ मोइत्रा 2019-2023 के बीच चार बार दुबई गईं। उनका लोकसभा लॉगइन कई बार एक्सेस किया गया। 47 बार उनका लॉगइन क्रेंडिशयल दुबई में एक्सेस किया गया। एथिक्स कमेटी ने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और गृह मंत्रालय (एमएचए) से आईपी एड्रेस की रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट में कई निष्कर्ष सुझाए गए हैं, जिसमें यह भी कहा गया है कि महुआ मोइत्रा को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। समिति सिफारिश करती है कि सांसद महुआ मोइत्रा को सत्रहवीं लोकसभा की सदस्यता से निष्कासित किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि इस मामले का खुलासा बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे ने किया था। उन्हीं की शिकायत पर महुआ के खिलाफ लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला ने एथिक्स कमेटी को जांच का आदेश दिया था।
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