नई दिल्ली । रामलला के लिए 108 कलशों में भरकर पांच बैलगाड़ियों से 600 किलो गाय का घी गुरुवार को रामनगरी के कारसेवकपुरम पहुंचा। कारसेवकपुरम में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी महाराज ने आरती उतार कर स्वागत किया। यह घी राजस्थान के जोधपुर की श्रीश्री महर्षि संदीपनी रामधर्म गौशाला से अयोध्या भेजा गया है। बैलगाड़ियों के काफिले में श्रीश्री महर्षि संदीपनी रामधर्म गौशाला के संचालक संदीपनी रामजी महाराज भी उपस्थित रहे।
उन्होंने बताया कि वर्षों की तपस्या से संचित 108 कलशों में भरे देशी गाय के 600 किलो घी से श्रीरामजन्मभूमि मंदिर में अखंड ज्योति जलेगी, हवन एवं प्रथम आरती भी इसी घी से होगी। यह घी गौशाला में ही बनाया गया है। करीब दो दशक पहले गोशाला में संकल्प लिया गया था कि अयोध्या में जब भी राम मंदिर बनेगा तो यहां से घी भेजा जाएगा। अब यह संकल्प पूर्ण हो रहा है।
संदीपनी रामजी ने बताया कि हमारी गौशाला के घी से रामलला की आरती हो और दीपक जले यह हमारा सौभाग्य है। उन्होंने बताया कि सड़क मार्ग से जोधपुर, पाली, चंडावत, किशनगढ़, जयपुर, भरतपुर, मथुरा, लखनऊ,बाराबंकी होते हुए हम अयोध्या कारसेवकपुरम पहुंचे।
उन्होंने कहा कि आज प्रभु राम की नगरी अयोध्या में पहुंचकर ट्रस्ट के पदाधिकारी से मिलकर उन्हें घी को समर्पित किया है। इस यात्रा में 108 कलश में शुद्ध गाय के घी रखे गए हैं, जिसमें सब मिलाकर लगभग 600 किलोग्राम घी है। यह देसी घी राम मंदिर में अखंड ज्योति और इसके साथ ही रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर होने वाले धार्मिक अनुष्ठान में उपयोग किया जाएगा।
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