उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने सड़क सुरक्षा की समीक्षा करते हुए कहा कि अगर किसी वाहन चालक का लगातार तीन बार से अधिक चालान कटता है तो उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाए। इसके बावजूद अगर कोई उल्लंघन करता है तो उसके वाहन का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाए। इसके अलावा जिले में उपलब्ध क्रिटिकल केयर सुविधाओं का भी समय-समय पर निरीक्षण किया जाना चाहिए, ताकि सड़क दुर्घटनाओं से प्रभावित लोगों को जिले में ही इलाज मिल सके। सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों को बचाने के लिए आपदा मित्रों को भी प्रशिक्षित किया गया है। सड़क दुर्घटना होने पर उन्हें भी सूचना देने की भी व्यवस्था की जाए।
दुर्घटना को कम करने के लिए जागरूकता बहुत जरूरी
मुख्यमंत्री जी द्वारा सड़क दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत कमी लाने के निर्देश दिये गये हैं। सभी जनपदों में 15 दिसम्बर, 2023 से 31 दिसम्बर, 2023 तक सड़क सुरक्षा पखवाड़ा अंतर्विभागीय समन्वय के साथ मनाया जाए। ओवरस्पीडिंग, गलत साइड ड्राइविंग, मोबाइल फोन का इस्तेमाल और नशे में गाड़ी चलाना सड़क दुर्घटनाओं के मुख्य कारण हैं। यह एक मैन मेड डिजास्टर है, इसलिये इसमें कमी लाने के लिये जागरूकता लाने की जरूरत है। यह एक संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण मुद्दा है, सभी मण्डलायुक्त और जिलाधिकारी इस पर गम्भीरता से कार्य करें।
मुख्य सचिव ने कहा कि पखवाड़े के दौरान सभी स्कूली वाहनों की फिटनेस और वाहन चालकों की मेडिकल फिटनेस की जांच की जाए। सभी शिक्षण संस्थानों में प्रार्थना सभाओं में विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा एवं यातायात नियमों की जानकारी दी जाये तथा सड़क सुरक्षा की शपथ दिलायी जाए। कोहरे को देखते हुए प्रभावी गश्त की जाए। व्यवसायिक वाहन चालकों के लिए हेल्थ कार्ड अनिवार्य रूप से जारी किया जाए। टास्क फोर्स द्वारा स्रोत स्थल पर ओवरलोडिंग रोकी जाए। इसके अलावा सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए परिवहन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी आदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए, इस प्रकार कई लोगों की जान बचाई जा सकती है।
उन्होंने कहा कि सभी संभागीय एवं जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समितियों की बैठकें अनिवार्य रूप से आयोजित की जाएं। इसके लिए सभी मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारी दिन निर्धारित कर लें। बैठक में जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित कर उनके भी सुझाव लिए जायें। इसके अलावा बैठक में विषय विशेषज्ञों तथा स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित कर सकते हैं। समिति की बैठक में सड़क दुर्घटनाओं का विश्लेषण कर कार्रवाई की जाए। कार्रवाई का परिणाम जमीन पर भी दिखना चाहिए।
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