Uttarakhand Tunnel: बचाव कार्य पूरा होने के बाद सिल्कयारा सुरंग को बंद कर दिया गया था और इस महीने तक इसे फिर से खोलने की तैयारी की जा रही है। सुरंग से मलबा हटाने के लिए नए सिरे से प्रयास शुरू किए जाएंगे। वहीं, सुरंग के निर्माण में लगी नवयुग कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बचाव कार्य में जो भी खर्च आया है, वह कंपनी उठाएगी। राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम इस संबंध में खर्च का ब्योरा तैयार कर रहा है।
एक अनुमान के मुताबिक इस अभियान पर 200 करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च आया है। नवयुग कंपनी इस महीने फिर से अपना काम शुरू करेगी, जिसका पहला काम मलबा हटाना है।
वहीं, सुरंग के बाहर बौख नाग देवता का मंदिर बनाने की तैयारी चल रही है। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले दिनों मंदिर हटाए जाने के कारण ही यहां हादसा हुआ और देवता के शांत होने के बाद ही फंसे हुए मजदूर बाहर निकल सके। इस संबंध में सीएम पुष्कर सिंह धामी भी बयान दे चुके हैं कि यहां बौख नाग देवता का भव्य मंदिर बनाया जाएगा।
गौरतलब है कि 12 नवंबर को भूस्खलन के कारण सुरंग में 41 मजदूर फंस गए थे, जिन्हें 17वें दिन बाहर निकाला गया। हादसे के बाद बड़ी संख्या में मजदूर भी वहां से चले गए, जिन्हें अब वापस बुलाया जा रहा है।
वापिस जाने लगे भारी मशीन
जो अगार मशीन युद्धकाल स्तिथि में बड़े बड़े हेलीकॉप्टर में लाई गई वो अब सड़क मार्ग बड़े बड़े ट्रालों में वापिस गुजरात, मध्य प्रदेश वापिस भेज दी गई है। जो अगार मशीन युद्धकाल स्तिथि में बड़े बड़े हेलीकॉप्टर में लाई गई वो अब सड़क मार्ग बड़े बड़े ट्रालों में वापिस गुजरात, मध्य प्रदेश वापिस भेज दी गई है।
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