एक तरफ पूरी दुनिया में इस्लामिक कट्टरपंथ और आतंकवाद पर बात हो रही है। वहीं दूसरी ओर कनाडा में इस्लामोफोबिया से निपटने को लेकर बहस छिड़ी हुई है। कनाडाई मुस्लिम संगठन वहां के स्कूलों में इस्लामोफोबिया को लेकर शिक्षा देने पर जोर दे रहे हैं। ओंटारियो स्थित स्कूलों में ऐसी रणनीतियों को तैयार करने पर जोर दिया जा रहा है, जिससे इस्लामोफोबिया के प्रभावी तरीके से निपटा जा सके।
रिपोर्ट के मुताबिक, ओंटारियो के स्कूल बोर्डों में हाल के वर्षों में कुछ स्कूल बोर्डों ने इस्लामोफोबिया विरोधी रणनीति विकसित करने पर काम भी शुरू किया है। अधिकारियों का कहना है कि इजरायल हमास युद्ध के बीच देश में मुस्लिम विरोधी घटनाओं बढ़ोतरी दर्ज की गई है। ऐसे में अब इन घटनाओं से व्यवहारिक तरीकों से कई मोर्चों पर कक्षा में प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इसको लेकर कनाडा के नेशनल काउंसिल ऑफ कैनेडियन मुस्लिम (NCCM) में शिक्षा निदेशक आसिया खान ने कहा कि कनाडा में हम इस बात को स्वीकार करते हैं कि समानता और समावेशन महत्वपूर्ण है, लेकिन बातचीत से आगे बढ़कर कार्रवाई करना भी जरूरी है।
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आसिया खान के मुताबिक, स्कूलों में शिक्षकों को इस्लामोफोबिया विषय को लेने और कक्षाओं में इसकी शिक्षा के लिए व्यवहारिक तरीकों का इस्तेमाल करने की जरूरत है। हम अपनी कक्षा की नीतियों या प्रथाओं में इस्लामोफोबिया विरोधी लेंस या नस्लवाद विरोधी लेंस कैसे अपना सकते हैं?
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गौरतलब है कि जब से हमास ने इजरायल पर बर्बर आतंकी हमला शुरू किया है, तभी से दुनियाभर में इस्लामी कट्टरपंथ एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है। हाल ही में सेक्युलर फ्रांस में एक ईरानी मूल के मुस्लिम ने अल्लाह हु अकबर के मजहबी नारे लगाते हुए चाकू से हमला कर दिया था। इस हमले में फिलीपीन्स के एक पर्यटक की मौत हो गई थी। वहीं दो अन्य बुरी तरह से घायल हो गए थे। बाद में पता चला कि वो इस्लामिक स्टेट से प्रभावित था।
खास बात ये है कि हमास के हमले के बाद से पूरी दुनिया इस कट्टरपंथ रूपी जहर से निपटने की बात कर रही है, तो कनाडा में इसे इस्लामोफोबिया बताया जा रहा है।
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