भारत में बना दुनिया का पहला चलता-फिरता अस्पताल, 200 लोगों का एकसाथ हो सकेगा इलाज, जानें और क्या है खास

इस अस्पताल का उपयोग किसी भी आपातकालीन क्षेत्र, आपदा प्रभावित क्षेत्र, भूकंप, बाढ़, जंगल की आग और युद्ध में किया जा सकता है

Published by
Manish Chauhan

भारत में दुनिया का पहला पोर्टेबल अस्पताल शुरू हुआ है। यह अस्पताल राजधानी दिल्ली से सटे गुरुग्राम में है। साख बात है कि इसे किसी विदेशी टेक्नोलॉजी या इंजीनियर ने नहीं, बल्कि भारतीय वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने डिजाइन किया है। इस अस्पताल का संचालन शनिवार 2 दिसंबर से हो गया है। घायलों के इलाज के लिए इसे आपातकालीन स्थल पर पहुंचने के एक घंटे के अंदर स्थापित किया जा सकता है।

जानकारी के मुताबिक इस अस्पताल का उपयोग किसी भी आपातकालीन क्षेत्र, आपदा प्रभावित क्षेत्र, भूकंप, बाढ़, जंगल की आग या यहां तक कि युद्ध में भी किया जा सकता है। इस अस्पताल में किसी भी समय 200 रोगियों का इलाज हो सकता है। इस पोर्टेबल अस्पताल में दो पैलेट स्टैंड हैं। इसका वजन 800 किलोग्राम है। दोनों पैलेट में 72 क्यूब हैं। हर क्यूब का वजन 20 किलो है। ये क्यूब फायर और वाटर प्रूफ हैं। इसे हवाई, जल, सड़क तीनों मार्ग से ले जा सकते हैं।

इस अस्पताल के अलग-अलग क्यूब में अलग-अलग सामान है। स्कैन करने पर पता चल जाता है कि किस क्यूब में कौन सा सामान है। इसकी लैब में 20 तरह के टेस्ट हो सकते हैं। इसकी एक्सरेमशीन कुछ सेकेंड में एक्सरे कर देती है। इसमें सोलर पैनल भी है, ताकि अगर बिजली सप्लाई नहीं हो तो भी दिक्कत न हो। बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी की पहल पर आरोग्य मैत्री प्रोजेक्ट और हेल्थ मिनिस्ट्री, डिफेंस मिनिस्ट्री और नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल ने मिलकर इस पोर्टेबल हॉस्पिटल को तैयार किया है।

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