पैसे लेकर संसद के अंदर सवाल पूछने (Cash for query) और लोकसभा की वेबसाइट का क्रेडेंशियल्स बिजनेसमैन हीरानंदानी को शेयर करने के मामले टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा दोषी हैं। इस मामले में संसद की आचार समिति ने उन्हें दोषी ठहराया है। लेकिन इस बीच कांग्रेस उनके समर्थन में उतर आई है। कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी का कहना है, ”हम विरोध करेंगे कि इस तरह का निष्कासन नहीं किया जाना चाहिए। हमने एक पत्र लिखा है और हम कहते रहे हैं कि संसद के मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। संसद के अंदर निपटाया जाए।”
अधीर रंजन चौधरी ने दो दिन पहले भी महुआ मोइत्रा के निष्कासन का विरोध किया था। उन्होंने इसके लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा था। पत्र में अधीर रंजन चौधरी ने ‘पैसे लेकर प्रश्न पूछने’ के मामले में तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा के निष्कासन की आचार समिति की सिफारिश को ‘अत्यंत गंभीर दंड’ करार दिया था। चौधरी ने अपने पत्र में कहा, “मैं अपनी राय आपके सामने रखने की मंशा से आपको पत्र लिख रहा हूं, ये मेरे निजी विचार हैं। संसदीय समितियों के कामकाज से संबंधित नियमों और प्रक्रियाओं पर पुनर्विचार और उचित समीक्षा की आवश्यकता है।’
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क्या हैं आरोप
गौरतलब है कि महुआ मोइत्रा पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सबसे पहले लोकसभा वेबसाइट का लॉग इन और पासवर्ड बिजनेसमैन को शेयर करने का आरोप लगाया था। उनके आरोप के बाद विवाद बढ़ा और महुआ मोइत्रा शुरू में आक्रामक नजर आई। लेकिन बाद में जब बिजनेसमैन हीरानंदानी इस मामले में सरकारी गवाह बन गए। इस मामले में भाजपा सांसद ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए लोकसभा स्पीकर को पत्र लिखकर एथिक्स कमेटी से मामले की जांच की मांग की। एथिक्स कमेटी ने जांच के बाद महुआ मोइत्रा को दोषी पाया। खुलासा ये हुआ था कि हीरानंदानी के जरिए अडाणी को लेकर सवाल करके पीएम मोदी को बदनाम करने की साजिश विपक्ष ने की थी। लोकसभा क्रेडेंशियल्स को शेयर करने के मामले में महुआ मोइत्रा लगातार कांग्रेस नेता राहुल गांधी के संपर्क में थीं।
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