देहरादून। जिला प्रशासन ने आज शत्रु संपत्ति काबुल हाउस पर अपना कब्जा ले लिया। इस संपत्ति पर अवैध कब्जे थे और उनसे संबंधित मामले कोर्ट में लंबित थे। दो माह पहले डीएम सोनिका की अदालत ने इन कब्जों को खारिज करते हुए अवैध माना था।
आज सुबह काबुल हाउस की संपत्ति जिसकी कीमत करीब दो सौ करोड़ आंकी गई थी, जिला प्रशासन ने अपने कब्जे में ले ली। डीएम सोनिका ने बताया कि देहरादून में अन्य शत्रु संपत्तियों पर भी कड़े फैसले लिए जाएंगे। ऐसी संपत्तियों का स्वामी गृह मंत्रालय है लिहाजा यहां से अवैध कब्जे हटाए जाएंगे।
काबुल के राजा से जुड़ी इस शत्रु संपत्ति के मामले में, हाई कोर्ट के निर्देश पर डीएम देहरादून की अदालत में सुनवाई चल रही थी, जिसमे सम्पत्ति पर काबिज और अन्य दावेदारों को सुना गया था। उक्त संपत्ति का मालिक केंद्रीय गृह मंत्रालय है जिसकी देखरेख की जिम्मेदारी जिला प्रशासन द्वारा की जाती है। इस संपत्ति को खुर्दबुर्द करने के आरोप लग रहे थे और कई लोग फर्जी वारिस बन कर करोड़ो रुपये की काबुल हाउस की संपत्ति को हथियाने के प्रयास में लगे हुए थे। इसमें सहारनपुर से फर्जी दस्तावेज बनाए जाने के भी मामले सामने आए थे। आज इस मामले में डीएम सोनिका ने फैसला सुना दिया। नैनीताल में भी मेट्रोपॉल शत्रु संपत्ति को सरकार ने अपने कब्जे में लेने के लिए यही प्रक्रिया अपनाई थी और इस बारे में हाई कोर्ट नैनीताल ने भी दिशा निर्देश दिए थे।
देहरादून में कहां है शत्रु संपत्ति
जानकारी के मुताबिक 1879 काबुल के राजा मोहम्मद याकूब खान देहरादून आकर बसे थे। यहां उनकी संपत्ति कई स्थानों पर थी। 1924 में उनकी मौत हो गई। उनके वंशज बंटवारे के दौरान विदेश चले गए। बाद में वो पाकिस्तान के नागरिक हो गए। उनके पारिवारिक मित्र रहे मोहम्मद असलम खान उत्तर प्रदेश में और देहरादून में रहते हैं। उनका कहना है कि सरकार इस संपत्ति को अपने कब्जे में लेकर जनहित के कामों में लगाए। काबुल के राजा के फर्जी रिश्तेदार सहारनपुर, देहरादून में सामने आए और वे देहरादून की शत्रु संपत्तियों पर फर्जी दस्तावेज बनाकर दावे कर रहे हैं। इनमे मोहम्मद शाहिद, मोहम्मद खालिद अब्दुल रज्जाक का एक गिरोह है। एक गिरोह आरिफ खान का है। तीसरा गिरोह तारीक अख्तर का है जोकि 23 शत्रु संपत्तियों की कब्जेदारो को रजिस्ट्री भी करके सरकार को धोखा दे चुका है। इस मामले में एफआईआर भी दर्ज हुई थी किंतु आज तक गिरफ्तारी नहीं हुई।
जानकारी के अनुसार इस सारे प्रकरण में तहसीलदार रहे राशिद की भूमिका भी संदिग्ध मानी गई। इन संपत्तियों को नगर निगम के दस्तावेजों में भी हेरफेर करके चढ़ाया जाने वाला था, जिसे तत्कालीन नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय द्वारा रोका गया।
सीएम पुष्कर सिंह धामी का सख्त रुख
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शत्रु संपत्ति मामले में सख्त रुख अपनाया हुआ है। उन्होंने डीएम सोनिका को निर्देश दिया है कि वे इन संपत्तियों को कब्जे में लें। वहां बोर्ड लगाए और इस संपत्ति को देहरादून के हित में उपयोग में लाए जाने की योजना बनाई जाए।
टिप्पणियाँ