उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के चोपन में ईसाई मिशनरियों द्वारा चंगाई सभा की आड़ गरीब वनवासियों का ईसाई कन्वर्जन कराने का मामला प्रकाश में आया है। इस मामले में पुलिस ने कुल 42 मिशनरियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इनमें से 9 आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। बाकी की तलाश की जा रही है।
इस बात की पुष्टि करते हुए एक अधिकरी ने शुक्रवार को कहा कि गिरफ्तार आरोपियों के पास से 46 ईसाई पंथ से जुड़ी किताबें, प्रचार सामग्री और लैपटॉप बरामद हुए हैं। सोनभद्र जिले के अपर पुलिस अधीक्षक कालू सिंह ने बताया कि इस मामले में चोपन थाना क्षेत्र के मलहिया टोला निवासी नरसिंह ने शिकायत की थी कि कुछ लोग फर्जी तरीके से वनवासी लोगों और गरीबों को ईसाई पंथ अपनाने का प्रलोभन दे रहे हैं। इन सभी को सोनभद्र के पटवध से गिरफ्तार किया गया है।
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प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इस मामले में पुलिस ने साल 2021 में ही केस दर्ज किया था। बाद में शिकायत के आधार पर गुरुवार को भी उत्तर प्रदेश गैरकानूनी धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम के तहत 42 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। बाद में अगले दिन इसमें से आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया, इन सभी को कोर्ट में पेश किया गया।
जिन आरोपियों को सोनभद्र पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उनमें से कुछ के तार दक्षिण भारत से भी जुड़ रहे हैं। इसमें तमिलनाडु के चेन्नई के जयप्रभु, उत्तर प्रदेश के रॉबर्ट्सगंज के अजय कुमार और आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा के चेक्का इमैनुएल शामिल हैं। इनके अलावा पुलिस ने राजेंद्र कोल, छोटू उर्फ रंजन, परमानंद, सोहन, प्रेम नाथ प्रजापति और राम प्रताप को भी गिरफ्तार कर लिया है।
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चंगाई सभाएं करके फंसाते थे
रिपोर्ट के मुताबिक, सोनभद्र प्रदेश का वनवासी बहुल जिला है। ऐसे में ईसाई मिशनरियों के लिए भोले-भाले वनवासियों को अपने जाल में फंसाना आसान होता है। ये यहां चंगाई सभा आयोजित करते थे। इन सभाओं में लोगों को विभिनन्न प्रकार के लालच और पैसे दिए जाते थे, ताकि लोग उनकी बातों में आ जाएं। एक बार कोई व्यक्ति इनसे सहमत हो जाता था, तो ये उसे ईसाई बना देते थे।
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