China Pneumonia Case: रंग बदलने में माहिर चीन से फैले कोरोना ने पूरी दुनिया को अपने अलग-अलग रंग दिखाए। इस महामारी का वो खौफनाक मंजर आज भी लोगों को याद है। कोरोना महामारी की शुरुआत चीन से हुई थी, जहां इसका पहला मामला वुहान शहर से सामने आया था फिर इसने पूरी दुनिया में कोहराम मचाया।
चीन में कहर बरपा रही है ये बीमारी
इस बीच अब चीन में एक और रहस्यमयी बीमारी कहर बरपा रही है, पिछले कुछ समय से यहां सांस संबंधी बीमारियों के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। कोरोना महामारी के बाद एक और बीमारी से पीड़ित मरीजों की बढ़ती संख्या ने दुनिया भर के स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है।
उत्तराखंड में मिले दो संदिग्ध
ऐसे में चीन में फैल रही बीमारी को लेकर उत्तराखंड में भी अलर्ट जारी किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के अलर्ट जारी करने के बाद हर चीज पर कड़ी नजर रखी जा रही थी लेकिन इसी बीच उत्तराखंड के बागेश्वर में दो बच्चों में इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण पाए गए हैं। बच्चों के सैंपल जांच के लिए भेज दिए गए हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आगे कोई फैसला लिया जाएगा कि यह वायरस वही है या नहीं।
सांस संबंधी संक्रमण
चीन में बच्चों में सांस संबंधी संक्रमण तेजी से फैल रहा है और हर दिन बड़ी संख्या में इसके मरीज सामने आ रहे हैं। चीन से निकली इस बीमारी को लेकर देश के सभी राज्य अलर्ट पर हैं। चीन में फैले इन्फ्लूएंजा फ्लो और माइक्रोप्लाज्मा निमोनिया को लेकर में स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है और सतर्कता भी बरत रहा है।
माइकोप्लाज्मा क्या है?
माइकोप्लाज्मा जीवाणु प्रजाति है, यह आमतौर पर बच्चों और युवाओं में हल्की बीमारी का कारण बनती है। इससे फेफड़ों में संक्रमण यानी निमोनिया भी हो सकता है।
ऐसे फैलता है माइकोप्लाज्मा संक्रमण
आम संक्रमणों की तरह माइकोप्लाज्मा संक्रमित लोगों के खांसने और छींकने के दौरान निकलने वाली बूंदों के संपर्क में आने से फैलता है।
माइकोप्लाज्मा संक्रमण के लक्षण
- खांसी
- गले में खराश
- सिरदर्द
- बुखार
- ब्रोंकाइटिस
- थकान
माइकोप्लाज्मा संक्रमण से बचने के उपाय
- समय-समय पर हाथ धोएं
- साफ-सफाई का ध्यान रखें
- मास्क पहनें
टिप्पणियाँ