'ये 200 बच्चे किसके हैं ? कहाँ से आए ? कैसे लाए गए ? सिद्धारमैया जी जबाव दीजिए': NCPCR अध्यक्ष
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‘ये 200 बच्चे किसके हैं ? कहाँ से आए ? कैसे लाए गए ? सिद्धारमैया जी जबाव दीजिए’: NCPCR अध्यक्ष

NCPCR अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि यतीमखाने की संपत्ति 1500 करोड़ है। फिर भी बच्चों को स्कूल तक नहीं भेजा जा रहा है।

by Kuldeep Singh
Nov 28, 2023, 12:20 pm IST
in कर्नाटक
Karnatak Sayyadiya Yatimkhana NCPCR Priyank kanungo

बेंगलुरू का सैय्यदिया यतीमखाना

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कर्नाटक के बेंगलुरु में मुस्लिम बच्चों के लिए एक यतीमखाना (अनाथालय) स्थित है, जहां पर बीते दिनों बच्चों से बहुत ही अमानवीय व्यवहार किए जाने का मामला प्रकाश में आय़ा था। मामले का खुलासा एनसीपीसीआर के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो के यतीमखाने का औचक निरीक्षण करने के बाद हुआ था। अब एनसीपीसीआर के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कर्नाटक सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा कि यतीमखाने की संपत्ति 1500 करोड़ की है तो फिर बच्चों को स्कूल क्यों नहीं भेजा जाता है। उन्होनें राज्य सरकार से सवाल किया है कि आखिर ये 200 बच्चे कहां से लाए गए।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर कर्नाटक के ही एक एक्टिविस्ट के वीडियो को रीपोस्ट करते हुए NCPCR अध्यक्ष ने लिखा, “मैंने बंगलुरु में अवैध ढंग से चल रहे जिस दारूल उलूम सैय्यादिया यतीमख़ाने का निरीक्षण किया था, उसकी संपत्ति 1500 करोड़ की बतायी जा रही है। बग़ैर लायसेंस के यतीमख़ाना चलाने में राज्य का वफ़्फ़ बोर्ड शामिल है। इस पर भ्रष्टाचार के आरोप वहीं के एक ऐक्टिविस्ट ने लगाए हैं। बेशर्मी है कि हज़ारों करोड़ की सम्पत्ति के बावजूद अनाथ बच्चों को स्कूल तक नहीं भेज रहे हैं। ये 200 बच्चे किसके हैं ? कहाँ से आए ? कैसे लाए गए ? सिद्धारमैया जी जबाव दीजिए।”

इसे भी पढ़ें: कर्नाटक: ‘यतीमखाना है या इंटेरोगेशन रूम ?’, 200 मुस्लिम बच्चे, रहने की जगह नहीं, मौलवी का खौफ, NCPCR ने लिया संज्ञान 

NCPCR ने ही यतीमखाने का किया था खुलासा 

गौरतलब है कि एनसीपीसीआर के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने अपनी टीम के साथ 20 नवंबर को कर्नाटक के बेंगलुरू स्थित मुस्लिम बच्चों के यतीमखाने (अनाथालय) का दौरा किया था। एनसीपीसीआर के मुताबिक, इस यतीमखाने में करीब 200 अनाथ बच्चों को रखा गया है। 100 वर्गफुट के कमरे में 8 बच्चों को रखा जाता है औऱ इस तरह के यहां पर करीब 5 कमरे हैं, जिनमें कुल 40 बच्चे रहते हैं। जबकि 16 बच्चे गलियारे में रहने को मजबूर हैं। बाकि के 150 बच्चों को नमाज के लिए निर्धारित 2 हालों में सोना पड़ता है। वक्फ बोर्ड के अंतर्गत आने वाले इस यतीमखाने में स्कूल होने के बाद भी इन बच्चों को स्कूल नहीं जाने दिया जाता है।

इसे भी पढ़ें: राजस्थान: मतदान के दिन ही बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या, पत्थर से कुचला सिर, खून से लथपथ शरीर झाड़ी में मिला 

यतीमखाने के हालात की तुलना उन्होंने तालिबान से की थी, जिसके बाद कर्नाटक में एनसीपीसीआर अध्यक्ष के ही खिलाफ केस दर्ज किया गया। उन्हें सोशल मीडिया पर भी काफी ट्रोल किया गया था।

 

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