नानक भील
जन्म : 1890, बरड़ (राजस्थान)
बलिदान : 13 जून, 1922
अमर हुतात्मा नानक भील ने देश के लिए सर्वस्व न्योछावर कर दिया था। वे गोविंद गुरु और मोतीलाल तेजावत द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन से काफी प्रभावित थे।
उन्होंने अपने क्षेत्र में झंडा गीतों के माध्यम से आम लोगों को अंग्रेजों का विरोध करने के लिए प्रेरित किया। उनकी ख्याति दूर-दूर तक फैलने लगी थी।
2 अप्रैल, 1923 को बूंदी क्षेत्र के डाबी गांव में किसानों की बैठक पर अंग्रेज पुलिस ने अचानक गोलीबारी कर दी। इससे बैठक में आए किसानों में भगदड़ मच गई, लेकिन नानक भील ने झंडा लहराते हुए अंग्रेजों का विरोध किया।
इसी दौरान पुलिस ने नानक भील को गोली मार दी और वे वीरगति को प्राप्त हुए।
टिप्पणियाँ