मणिपुर के हाइपौ जादोनांग एक आध्यात्मिक और राजनीतिक नेता थे।
अंग्रेजों के अत्याचारों से दु:खी होकर उन्होंने हराक्का सेना का गठन किया। इसमें पुरुष और महिलाएं, दोनों ही शामिल थे।
ये सभी सैन्य रणनीति, हथियार और टोही मिशन में अच्छी तरह से प्रशिक्षित थे। बहादुरी ऐसी कि लोग देखते रह जाते थे।
इसी सेना के माध्यम से जादोनांग ने तामेंगलोंग में अंग्रेजी राज्य को समाप्त कर जेलियांरोंग (स्थानीय स्वशासन) की स्थापना की।
इस कारण 1928 में अंग्रेजों ने उन्हें बंदी बना लिया, लेकिन जन विरोध के कारण शीघ्र ही छोड़ना भी पड़ा। लेकिन अंग्रेज उन्हें हर हालत में मारना चाहते थे। इसलिए 29 अगस्त, 1931 को उन्हें दोबारा पकड़कर फांसी दे दी गई।
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