Qatar: मौत की सजा पाए Ex Indian Navy Officers के लिए दिखी उम्मीद की एक किरण, भारत की अपील हुई मंजूर
July 24, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

Qatar: मौत की सजा पाए Ex Indian Navy Officers के लिए दिखी उम्मीद की एक किरण, भारत की अपील हुई मंजूर

भारत सरकार की अपील पर कतर की अदालत ने संज्ञान लिया है और इस पर आगे सुनवाई के लिए तैयार हो गई है, जो जल्दी ही की जाएगी

by WEB DESK
Nov 24, 2023, 05:30 pm IST
in विश्व
Representational Image

Representational Image

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

भारत के उन आठ पूर्व नौसेना अधिकारियों में उम्मीद की एक आस जगी है। भारत सरकार की उनको दी गई मौत की सजा के विरुद्ध भारत सरकार की दायर की अपील सुनवाई के लिए मंजूद कर ली गई है। इन पूर्व अधिकारियों को कतर की एक अदालत ने मौत की सजा सुना रखी है। अब भारत की इस याचिका पर शायद जल्दी ही सुनवाई शुरू हो और उन पूर्व अधिकारियों को शायद सजा में कुछ राहत मिले।

इस्लामी देश कतर में काम कर रहे भारत की नौसेना के इन आठों पूर्व अधिकारियों को वहां की एक अदालत ने गत 26 अक्तूबर को एक अपराध में मौत की सजा दी थी। लेकिन अब उसके विरुद्ध एक याचिका दायर की गई है जिसे अदालत ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। संभव है उस पर जल्दी ही आगे कार्रवाई की जाएगी।

गत अक्तूबर माह में जब कतर की अदालत ने इन भारतीय लोगों के विरुद्ध मौत की सजा सुनाई थी तब भारत की ओर से विदेश विभाग ने आश्चर्य व्यक्त किया था और सरकार की तरफ से तसल्ली दी गई थी कि, चिंता न करें, जितने कानूनी रास्ते हो सकते हैं, सब अपनाए जाएंगे और सजा पर फिर से सुनवाई कराने की कोशिश की जाएगी। उसी आश्वासन को पूरा करते हुए भारत सरकार ने कतर की उस अदालत में अपील दायर की है।

भारत सरकार के विदेश विभाग के प्रवक्ता अरिंदम बागची

भारत सरकार के विदेश विभाग के प्रवक्ता ने इस विषय पर प्रेस से खुद बात करते हुए कहा कि भारत सरकार इस प्रकरण को लेकर कतर के संबद्ध अधिकारियों के संपर्क में है और कतर में भारत का दूतावास भी उन अधिकारियों की सहायता कर रहा है। पूर्व नौसैनिकों को भारत सरकार की तरफ से हर तरह की कानूनी सहायता भी उपलब्ध कराई गई है।

भारत के विदेश विभाग की ओर से कल बताया गया कि कतर की अदालत के उस फैसले को कानूनी विशेषज्ञों ने बारीकी से जांचा था। यह फैसला प्रथम दृष्टया सुनवाई करने के बाद सुनाया था। अत: सभी तरह के समाधान पर गौर करने के बाद निर्णय लिया गया कि फैसले को लेकर एक अपील दाखिल की जाए। भारत सरकार की इसी अपील का अदालत ने संज्ञान लिया है और इस पर आगे सुनवाई के लिए तैयार हो गई है जो जल्दी ही की जाएगी। भारत सरकार भी कतर के विधि अधिकारियों से लगातार संपर्क बनाए हुए है।

यह प्रकरण पूरे देश में चर्चा का विषय बना था, क्योंकि समाचारों में साफ उल्लेख किया गया था कि ये आठों लोग भारत की नौसेना के अधिकारी रह चुके हैं और इन्हें ही एक मामले में दोषी पाते हुए अदालत ने मौत की सजा सुनाई है। इस पर भारत सरकार का फौरन मत आया था कि इसके लिए जो भी समाधान निकाला जा सकता है, उस पर आगे बढ़ा जाएगा। इन अधिकारियों के परिवारजन भी भारत सरकार से गुहार लगा रहे थे कि इस दृष्टि से गंभीर प्रयास किए जाएं।

भारत सरकार के विदेश विभाग के प्रवक्ता ने इस विषय पर प्रेस से खुद बात करते हुए कहा कि भारत सरकार इस प्रकरण को लेकर कतर के संबद्ध अधिकारियों के संपर्क में है और कतर में भारत का दूतावास भी उन अधिकारियों की सहायता कर रहा है। पूर्व नौसैनिकों को भारत सरकार की तरफ से हर तरह की कानूनी सहायता भी उपलब्ध कराई गई है।

आखिर वह क्या मामला था जिसके लिए भारत के इन पूर्व नौसेना अधिकारियों को ऐसी कड़ी सजा दी गई? हुआ यूं था कि गत वर्ष अगस्त महीने में कतर में भारतीय नौसेना के इन पूर्व अधिकारियों को हिरासत में लिया गया था। इन पर इस्राएल के लिए जासूसी करने का शक था। ये सभी कतर में एक निजी कंपनी के लिए काम कर रहे थे।

कतर में कैद भारतीय नौसेना के ये आठ पूर्व अधिकारी हैं, कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कैप्टन वीरेन्द्र कुमार, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर अमित नागपाल, कमांडा संजीव गुप्ता, कमांडर सुगुनाकर पकाला तथा नाविक रागेश। इन सभी को दोहा में कतर की गुप्तचर एजेंसी ने गत वर्ष 30 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया था।

Topics: भारतीय नौसेनाइस्राएलकतरIndiaQatarsentenceजासूसीnavy officersभारतappealCourtlegalforeignembassy
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू

खालिस्तानी पन्नू करेगा 15 अगस्त पर शैतानी, तिरंगा जलाने और जनमत संग्रह की धमकी के साथ फैला रहा नफरती जहर

तकनीकी खराबी के कारण विमान पायलट के नियंत्रण से बाहर हो गया और स्कूल की इमारत से टकरा गया

Bangladesh Plane Crash पर PM Narendra Modi ने जताया शोक, हर संभव सहायता करने का दिया भरोसा

Representational Image

ब्रह्मपुत्र को बांध रहा कम्युनिस्ट चीन, भारत के विरोध के बावजूद ‘तिब्बत की मांग’ पूरी करने पर आमादा बीजिंग

मुजफ्फराबाद (पीओजेके) में ध्वस्त किया गया एक आतंकी अड्डा   (फाइल चित्र)

जिहादी सोच का पाकिस्तान आपरेशन सिंदूर में ध्वस्त अड्डों को फिर से खड़ा करेगा, 100 करोड़ में चीनी कंपनी से बनवाएगी सरकार

महान फिल्मकार सत्यजीत रे (बाएं) का पैतृक निवास

भारत की कूटनीति ने फिर मारी बाजी, अब नहीं टूटेगा Satyajit Ray का पैतृक घर, सरकार कमेटी बनाकर करेगी घर का पुन​र्निर्माण

टीआरएफ की गतिविधियां लश्कर से जुड़ी रही हैं  (File Photo)

America द्वारा आतंकवादी गुट TRF के मुंह पर कालिख पोतना रास नहीं आ रहा जिन्ना के देश को, फिर कर रहा जिहादी का बचाव

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

UNSC India Pakistan terrorism

भारत ने पाकिस्तान को कहा-‘आतंकवाद में डूबा देश’, UNSC में सुधार की मांग

देश में नौकरशाही की आन्तरिक निरंकुशता शासन पर भारी ‘साहब’

Rahul Gandhi Citizenship

राहुल गांधी की नागरिकता विवाद: RTI से चौंकाने वाला खुलासा

Iran Suppressing voices

राष्ट्रीय सुरक्षा या असहमति की आवाज का दमन? ईरान में युद्ध के बाद 2000 गिरफ्तारियां

पूर्व डीआईजी इंद्रजीत सिंह सिद्धू चंडीगढ़ की सड़कों पर सफाई करते हुए

स्वच्छता अभियान के असली सिपाही: अपराध मिटाकर स्वच्छता की अलख जगा रहे पूर्व डीआईजी इंद्रजीत सिंह सिद्धू

जसवंत सिंह, जिन्होंने नहर में गिरी कार से 11 लोगों की जान बचाई

पंजाब पुलिस जवान जसवंत सिंह की बहादुरी : तैरना नहीं आता फिर भी बचे 11 लोगों के प्राण

उत्तराखंड कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों से जुड़ा दृश्य

उत्तराखंड : कैबिनेट बैठक में कुंभ, शिक्षा और ई-स्टैंपिंग पर बड़े फैसले

मोदी सरकार की रणनीति से समाप्त होता नक्सलवाद

महात्मा गांधी के हिंद सुराज की कल्पना को नेहरू ने म्यूजियम में डाला : दत्तात्रेय होसबाले जी

BKI आतंकी आकाश दीप इंदौर से गिरफ्तार, दिल्ली और पंजाब में हमले की साजिश का खुलासा

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies