उत्तर कोरिया के तानाशाह किम की फौज को लेकर ऐसी सनक है कि जिसका दुनिया में शायद ही कोई अन्य उदाहरण हो। पश्चिमी देशों को धमकाने के लिए तानाशाह शासक किम नित नए मिसाइल दागकर बेसिरपैर के बयान देने के लिए दुनियाभर में कुख्यात है। अपने देश की भुखमरी और तंगहाली को छुपाने के लिए सैन्य गतिविधियों को तेज करने से लेकर मामूली से ‘गुनाह’ पर अपने प्रशासनिक अधिकारियों को मौत की सजा देना उसके लिए आम बात है। अब उस देश से जो नई खबर छनकर बाहर आई है वह भी सेना और उसके ‘आधुनिकीकरण’ से बताई जा रही है। पता चला है कि तानाशाह किम ने आत्मरक्षा के अधिकार की आड़ में अंतरिक्ष में सैन्य जासूसी के लिए कोई उपग्रह स्थापित किया है।
उत्तर कोरिया के इस तानाशाह ने बाकायदा बयान जारी करके कहा है कि उनका उपग्रह अपनी कक्षा में पहुंच चुका है। यह उपग्रह सेना के लिए जासूसी करेगा और उनकी सेना को जरूरी जानकारियां उपलब्ध कराएगा। ऐसा करने को उस तानाशाह ने अपनी आत्मरक्षा के अधिकार से जोड़ा है।
दक्षिण कोरिया और अमेरिका के प्रति कट्टर नफरत पाले बैठा उत्तर कोरिया क्या सच में अपना ऐसा कोई उपग्रह अंतरिक्ष में पहुंचा चुका है? इसे मानने का एक ही जरिया है उस देश के अंतरिक्ष अनुसंधान से जुड़े अधिकारियों का एक बयान। उनके अनुसार, दो दिन पहले, उसके रॉकेट ने मल्लीगयोंग-1 नाम का एक उपग्रह उसकी तय कक्षा में पहुंचाने में कामयाबी पा ली है।
उपग्रह ‘मल्लीगयोंग-1’ आखिर है क्या? इस बारे में इतना ही कहा गया है कि यह अंतरिक्ष से दुश्मन देशों की फौजी हरकतों पर नजर रखेगा और उससे जुड़ा डाटा प्योंगयोंग को उपलब्ध कराएगा। यह उपग्रह अपनी कक्षा में पहुंचाया जा चुका है तो इसका मतलब है कि उसने अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान पर नजर रखनी शुरू कर दी है। अमेरिका सहित इन देशों की फौजी तैयारी को लेकर उत्तर कोरिया का तानाशाह खास दिलचस्पी दिखाता है।
इस उपग्रह को यदि सच में उत्तर कोरिया ने कक्षा में पहुंचाने में कामयाबी हासिल कर ली है तो इससे विशेष रूप से उसके नफरती बयानों के निशाने पर रहे अमेरिका, दक्षिण कोरिया और साथ ही जापान की सरकारों के कान खड़े हो गए होंगे। इस उपग्रह के अंतरिक्ष में पहुंचने की पुष्टि करने की गरज से तानाशाह किम जोन उन का बयान आया है। उसने कहा कि उसे अपनी सुरक्षा करने का पूरा हक है और इसीलिए सेना के लिए जासूसी करने को यह उपग्रह भेजा गया है। तानाशाह किम ने यह बात तब कही जब वह अपने देश के अंतरिक्ष अनुसंधान केन्द्र के दौरे पर थे।
अपनी किसी भी हरकत को खूब प्रचारित करने के लिए कुख्यात तानाशाह किम को बड़ी ‘खुशी’ मिली है कि इससे माध्यम से वह अपने दुश्मन देशों की फौजी हरकतों पर नजर रखने के साथ ही उसके हिसाब से अपनी तैयारी कर पाएगा। इसे उसने अपनी ‘नई जीत’ करार देते हुए अंतरिक्ष अधिकारियों की तारीफ की।
उत्तर कोरिया के अंतरिक्ष अनुसंधान केन्द्र के अपने दौरे में तानाशाह किम अपने साथ अपनी बेटी को भी ले गए थे। वे इतने ‘खुश’ थे कि इस मौके पर उपग्रह प्रक्षेपण से जुड़े ‘वैज्ञानिकों’ के साथ तस्वीरें खिंचवाईं और उन्हें शाबाशी दी।
तानाशाह किम का यह उपग्रह ‘मल्लीगयोंग-1’ आखिर है क्या? इस बारे में इतना ही कहा गया है कि यह अंतरिक्ष से दुश्मन देशों की फौजी हरकतों पर नजर रखेगा और उससे जुड़ा डाटा प्योंगयोंग को उपलब्ध कराएगा। यह उपग्रह अपनी कक्षा में पहुंचाया जा चुका है तो इसका मतलब है कि उसने अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान पर नजर रखनी शुरू कर दी है। अमेरिका सहित इन देशों की फौजी तैयारी को लेकर उत्तर कोरिया का तानाशाह खास दिलचस्पी दिखाता है। यह बात रक्षा विशेषज्ञों से छुपी नहीं है कि उस देश के पास खाने को पैसे नहीं हैं, लेकिन जो भी पैसा है उसका अधिकांश हिस्सा यह तानाशाह अपनी शानोशौकत और सेना पर खर्च करता है।
उत्तर कोरिया ने उसी बयान में यह भी कहा है कि सेना के लिए जासूसी करने के उद्देश्य से भेजा गया यह उपग्रह प्रतिद्वंद्वियों के ‘दुश्मनी से भरे सैन्य कदमों’ को साधने की गरज से उत्तर कोरिया की युद्ध तैयारियों को चौकस रखने का काम करेगा। ये अपनी तरह का इकलौता उपग्रह नहीं होगा क्योंकि अभी से कह दिया गया है कि उनका देश आगे भी ऐसे और जासूसी उपग्रह छोड़ने का मन बना चुका है।
टिप्पणियाँ