इजरायल औऱ हमास के बीच जारी युद्ध के बीच एक बार फिर से कांग्रेस फिलिस्तीन के समर्थन में उतर गई है। इसी क्रम में गुरुवार को फिलिस्तीन के लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए कांग्रेस ने केरल के कोझिकोड में एक कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में शशि थरूर और केसी वेणुगोपाल सहित वरिष्ठ कांग्रेस नेता शामिल हुए।
इस मौके पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी का बचाव किया। उन्होंने कहा कि हम पर ये आरोप लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस इजरायल-फिलिस्तीन मुद्दे पर बात नहीं कर रही है क्योंकि विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि चुनाव प्रचार के दौरान, सोनिया गांधी ने 30 अक्टूबर को इज़रायल-फिलिस्तीन युद्ध पर एक राय जारी की थी और प्रियंका गांधी ने भी चुनाव अभियान के दौरान इस मुद्दे पर बात की थी।
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इस बीच उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार की विदेश नीति भारत द्वारा अपनाई गई एक दशक पुरानी नीति के खिलाफ है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इज़रायल-गाजा युद्ध में मानवीय संघर्ष विराम पर एक प्रस्ताव पारित किया। महात्मा गांधी के देश ने इसके लिए वोट नहीं दिया। हमने मतदान से परहेज किया। यहीं नहीं थरूर ने ये भी कहा कि ये हमारा संकल्प है कि हम फिलिस्तीन के साथ हैं। फिलिस्तीन को आजाद कराने के लिए बातचीत का समर्थन करने की आवश्यकता है।
कांग्रेस केसी वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि भारत सरकार संघर्ष विराम के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव पर मतदान नहीं किया। अन्यथा इससे इजरायल-हमास युद्ध में युद्धविराम हो सकता था। केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के प्रमुख के सुधाकरन ने दावा किया है कि रैली में 50,000 से अधिक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया था।
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कांग्रेस की पुरानी सहयोगी मुस्लिम लीग ने भी की रैली
फिलिस्तीन के समर्थन में कांग्रेस की रैली में उसकी पुरानी सहयोगी रही इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने भी कोझिकोड में एक बड़ी रैली की। हजारों IUML समर्थकों ने फिलिस्तीन एकजुटता मानवाधिकार रैली में भाग लिया। इसका उद्धाटन IUML नेता पनाक्कड़ सैयद सादिक अली शिहाब थंगल ने किया। मुस्लिम लीग के साथ रैली में कांग्रेसस नेता भी शामिल हुए। बता दें कि खास बात ये है कि कांग्रेस की इस रैली से पहले 11 नवंबर को सीपीआईएम ने भी फिलिस्तीन के समर्थन में रैली की थी।
क्या है भारत सरकार का स्टैंड
गौरतलब है कि जो कांग्रेस केंद्र सरकार पर इजरायल का समर्थन करने का आरोप लगाती है, उसने अभी तक इजरायल के ऊपर हुए आतंकी हमले की निंदा तक नहीं की। जबकि, भारत सरकार यह स्पष्ट कर चुकी है कि वो आतंक के खिलाफ इस जंग में इजरायल के साथ है। लेकिन, फिलिस्तीन के आम लोगों की सुरक्षा को लेकर भी वो उतनी ही सजग है। पीएम मोदी कई बार कह चुके हैं कि आतंक के खिलाफ इस जंग में आम लोगों को नुकसान न हो, इसका ध्यान रखा जाना चाहिए। यहीं नहीं भारत ने गाजा में मानवीय सहायता भी भेजी है।
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