26/11 की साजिश रचने वाले लश्करे-तैयबा को आतंकवादी संगठन क्यों घोषित किया इस्राएल ने?

पाकिस्तान के पाले-पोसे लश्करे तैयबा को अब इस्राएल ने हमास के जैसे ही आतंकी संगठन की सूची में जोड़ दिया है। यह इस्राएल का एक सोचा-समझा कूटनीतिक कदम माना जा रहा है

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WEB DESK

इस्राएल-हमास युद्ध के बीच भारत को राहत पहुंचाने वाली खबर आई कि अब इस्राएल ने भी लश्करे—तैयबा पर आतंकी संगठन की मुहर लगा दी है। हमास के लिए तो वह पहले से ही यही कहता आया है। लश्करे तैयबा वहीं आतंकी संगठन है जिसने आज से कोई 15 साल पहले मुंबई में जिहादी हमले को अंजाम दिया था।

2008 की 26 नवंबर को मुम्बई में पाकिस्तान के भेजे आतंकवादियों ने अचानक हमला बोलकर कितने ही नागरिकों को मारा और घायल किया था। उनमें से एक जिंदा बचे एक जिहादी हत्यारे अजमल कसाब को भारत में 21 नवम्बर 2012 को फांसी दी गई थी। पाकिस्तान के पाले—पोसे इसी आतंकी संगठन को अब इस्राएल ने हमास के जैसे ही आतंकी संगठन की सूची में जोड़ दिया है। यह इस्राएल का एक सोचा—समझा कूटनीतिक कदम माना जा रहा है।

इस वक्त 2023 का नवम्बर माह चल रहा है। इस 26 तारीख को उस हमले को 15 वर्ष पूर्ण हो जाएंगे, उसी को ध्यान में रखते हुए इस्राएल की ओर से यह कदम उठाया गया है। इस्राएल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अनेक अवसरों पर दोस्त कहकर संबोधित किया है और भारत के सुख—दुख में अपनी प्रतिक्रिया दी है। इसलिए कूटनीतिक तौर पर देखा जाए तो इस्राएल—हमास युद्ध के इस काल में नेतन्याहू ने एक प्रकार से आतंकवाद के मुद्दे पर खुद को भारत के साथ खड़ा दिखाया है।

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इस्राएल की आतंकवादी संगठनों की इस सूची में तकनीकी रूप से अधिकांशत: वे संगठन शामिल हैं जो इस्राएली सीमा के भीतर अथवा उस देश के अगल-बगल में अपनी आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं, जैसे हमास। इसके साथ ही उन आतंकी संगठनों अथवा जिहादियों को भी इस्राएल इस सूची में शामिल करता है जो विश्व स्तर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अथवा अमेरिका का विदेश मंत्रालय द्वारा आतंकवादी चिन्हित किए जाते हैं।

इस्राएल की राजधानी तेल अवीव में लिए गए इस फैसले की जानकारी नई दिल्ली स्थित इस्राएल के दूतावास ने दी। इस्राएली दूतावास ने सूचना दी कि इस्राएल ने लश्करे-तैयबा को आतंकी संगठनों की सूची में जोड़ दिया है। दूतावास ने स्पष्ट कहा कि यह 2008 में हुए मुंबई जिहादी हमले की स्मृति में किया गया है जिसे इस साल 15 वर्ष हो रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार, भारत सरकार की तरफ से इस बाबत इस्राएल से कोई अपील नहीं की गई थी। यह इस्राएल का अपना फैसला है। बताया गया कि इस्राएल ने इस दृष्टि से सारी जरूरी चीजें पूरी कर ली हैं और लश्कर को सरकार के स्तर पर आतंकवादी संगठनों की सूची में जोड़ा जा चुका है।

इस्राएल की आतंकवादी संगठनों की इस सूची में तकनीकी रूप से अधिकांशत: वे संगठन शामिल हैं जो इस्राएली सीमा के भीतर अथवा उस देश के अगल-बगल में अपनी आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं, जैसे हमास। इसके साथ ही उन आतंकी संगठनों अथवा जिहादियों को भी इस्राएल इस सूची में शामिल करता है जो विश्व स्तर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अथवा अमेरिका का विदेश मंत्रालय द्वारा आतंकवादी चिन्हित किए जाते हैं। इस सूचना के साथ ही इस्राएल के दूतावास ने जो बयान जारी किया है उसमें कहा है कि इस्राएल आतंकवाद से पीड़ित लोगों के साथ खड़ा है।

यहां यह ध्यान रखना होगा इस्राएल पर 7 अक्तूबर को हमास ने जबरदस्त जिहादी हमला बोला था। तबसे अभी तक, भारत और इस्राएल के बीच निकट रिश्ते होते हुए भी हमास को भारत ने आधिकारिक रूप से आतंकी संगठन नहीं बताया है। हालांकि अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय संघ ने हमास को आतंकवादी संगठन के तौर पर चिन्हित कर दिया है।

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