भारत रक्षा के क्षेत्र में नित नई उंचाइयां छू रहा है। इसी क्रम में मंगलवार को भारतीय नौसेना और डीआरडीओ ने पूर्णत: स्वदेशी नौसेना एंटी शिप मिसाइल का सफल परीक्षण किया। मिसाइल की टेस्टिंग सीकिंग 42बी हेलीकॉप्टर से की गई। परीक्षण पूरी तरह से सफल रहा। यह फायरिंग साधक और मार्गदर्शन प्रौद्योगिकियों सहित विशिष्ट मिसाइल प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताई जा रही है।
डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर इसकी पुष्टि की है। इससे पहले 20 नवंबर 2023 को भारतीय नौसेना में बार्ज नौका का जलावतरण किया गया। ‘बार्ज एलएसएएम 10 (यार्ड 78)’ बोट का इस्तेमाल नौसेना के लिए गोला-बारूद जैसी रसद सामग्री पहुंचाने के लिए किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि ‘बार्ज एलएसएएम 10 (यार्ड 78)’ की उपलब्धता भारतीय नौसेना को समुद्री घाटों व बाहरी बंदरगाहों पर सामान तथा गोला-बारूद को लाने-ले जाने और उतारने की सुविधा प्रदान करेगी। साथ ही यह भारतीय नौसेना की परिचालन प्रतिबद्धताओं को गति भी प्रदान करेगी।
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मिसाइल और गोला बारूद से लैस बार्ज नौकाओं के निर्माण के लिए रक्षा मंत्रालय और मेसर्स सेकॉन इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, विशाखापत्तनम के बीच 19 फरवरी 2021 को करार किया गया था।
यहीं नहीं हाल ही में जर्मनी ने भारत को HDW क्लास की 214 पनडुब्बियों का ऑफर दिया है। इन पनडुब्बियों को भारत में ‘शिशुमार क्लास’ पनडुब्बी के नाम से जाना जाता है। जिन पनडुब्बियों को भारत को ऑफर किया गया है, ये अपग्रेडेड वेरिएंट है। भारतीय नेवी पहले से ही इस पंनडुब्बी का इस्तेमाल कर रही है, लेकिन इसका नया वर्जन अपने पुराने वर्जन से कहीं ज्यादा एडवांस और अत्याधुनिक हथियारों-सेंसरों से लैस है। इसे प्रोजेक्ट 75I के तहत ऑफर किया गया है, जिसमें छह पनडुब्बियों का निर्माण किया जाएगा।
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इस पनडुब्बी को जर्मनी की कंपनी थिसेनक्रुप एजी (ThyssenKrupp AG) बनाती है। इस जर्मन कंपनी ने भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 75I के तहत छह पनडुब्बियों के का ऑफर दिया है, जिसकी लागत 4.8 बिलियन डॉलर होगी। HDW क्लास पारंपरिक डीजल इलेक्ट्रिक पनडुब्बी है, जो 72 मीटर लंबी होती हैं।
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