उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में सिलक्यारा गांव के पास स्थित सिलक्यारा टनल में फंसे 41 श्रमिक सुरक्षित हैं। प्रशासन लगातार उन्हें बचाने की कोशिशों में लगा हुआ है। प्रशासन ने श्रमिकों तक एक पाइप को पहुंचा दिया है, जिसके जरिए श्रमिकों को खिचड़ी के साथ ही पौष्टिक आहार पहुंचाया गया। अधिकारियों ने श्रमिकों के पास कैमरा और माइक भा पहुंचाया औऱ उनसे बातचीत कर उनका हाल जाना। उन्हें दिलासा दी गई कि उन्हें जल्द ही सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा।
श्रमिकों के साथ बातचीत तो पहले भी हो रही थी, लेकिन अब वो कैमरे में भी आ चुके हैं। उन्हें 6 इंच का पाइप के जरिए बोतलों में खिचड़ी ड्राई फ्रूट समेत अन्य चीजें पहुंचाई जा रही हैं। पाइप से टनल के अंदर फंसे श्रमिकों तक इंडोस्कोपी कैमरे को भी पहुंचाया गया। इस बीच श्रमिकों के परिजनों ने भी राहत की सांस ली। कैमरे में देखा गया कि श्रमिक जहां पर फंसे हैं वहां काफी जगह है औऱ श्रमिक वहां पर टनल खुलने का इंतजार कर रहे हैं। श्रमिकों की देखरेख के लिए प्रशासन ने तीन अधिकारियों को नियुक्त किया है।
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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी अपने कार्यालय में कंम्प्यूटर स्क्रीन पर टनल के हालात का जायजा लिया। साथ ही बचाव दल में लगे विशेषज्ञों का भी हौसला बढ़ाया। उन्होंने उम्मीद जताई है कि आज शाम या देर रात तक श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा। इसके बाद उन सभी की मेडिकल जांच होगी। इसके लिए मेडिकल टीम को भी अलर्ट रखा गया है। वहीं श्रमिकों तक पहुंचने के लिए विशेषज्ञों ने टनल के ऊपर से ड्रिल करना शुरू कर दिया है। डीआरडीओ के द्वारा दो रोबोट भी भेजे गए हैं, जिन्हें मलबा हटाने में लगाया गया है। सचिव डा नीरज खेरवाल को नोडल अधिकारी के रूप तैनात किया गया है।
पीएम मोदी ने ली रिव्यू मीटिंग
इस बीच देर रात दिल्ली पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिलक्यारा टनल में फंसे लोगों को रेस्क्यू करने के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन की रिव्यू मीटिंग ली। वो हर दिन सुबह या फिर दिन में उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी से बातचीत कर टनल में फंसे लोगों की अपडेट ले रहे हैं।
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